परम् पूज्य श्री मां सारदा देवी की 168वें जन्म दिवस के पावन अवसर पर श्रीरामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ में दूर-दराज से आये भक्तगणों की भागीदारी एवं जबरदस्त उत्साह व त्यौहारिक माहौल के बीच एवं कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत श्री माँ का 6 दिवसीय जन्मोत्सव शुरु हो गया है।
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श्रीरामकृष्ण मठ में श्री माँ का छह दिवसीय जन्मोत्सव हुआ शुरु
समस्त कार्यक्रम हमारे यूट्यूब चैनेल: ‘रामकृष्ण मठ लखनऊ’ के माध्यम से सीधा प्रसारित किया जा रहा है। श्री रामकृष्ण मन्दिर के वृहद परिसर में कार्यक्रम की शुरूआत सुबह 5:00 बजे शंख निनाद व मगंल आरती के बाद सुप्रभातम एवं प्रार्थना रामकृष्ण मठ, के अध्यक्ष, स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज द्वारा हुई। श्रीरामकृष्ण मठ में श्री माँ का छह दिवसीय जन्मोत्सव हुआ शुरु।
भक्तगणों की भागीदारी के साथ सूर्योदय से सूर्यास्त तक निरन्तर जप-यज्ञ, (बारी-बारी से इच्छुक भक्तगणों द्वारा भगवान का निरन्तर नाम जपन) का आयोजन प्रत्यक्ष रूप से मठ के पुराने मंन्दिर में तथा परोक्ष रूप से इन्टरनेट के माध्यम से सम्मिलित होकर हुआ।
वैदिक मंत्रोच्चारण स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज द्वारा व चण्डी पाठ ब्रह्मचारी अनादिचैतन्यजी द्वारा हुआ। पूजा प्रारम्भ किया जिसके उपरान्त ‘माँ की बातों’ से पाठ और श्री सारदा नाम संकीर्तन स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज द्वारा किया गया साथ ही साथ इकट्ठा हुए भक्तगणों ने हवन एवं भारी मात्रा में पुष्पांजली व भक्ति संगीत के अनुष्ठान में भाग लिया। इस दौरान मौजूद भक्तगणों के बीच पके हुए प्रसाद का वितरण सामाजिक दूरी एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुआ।
शाम में श्री रामकृष्ण मठ के मंदिर में सन्ध्यारति के बाद एक जनसभा का आयोजन हुआ जिसमें श्री अंशुमालि शर्मा राज्य सम्पर्क अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘‘एक अभिनव शिक्षक श्री माँ सारदा देवी’’ पर व्याख्यान दिया जबकि रामकृष्ण मठ, के अध्यक्ष, स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज ने ’’युगदेव वंदिता श्री माँ सारदा’’ पर अध्यक्षीय भाषण दिया। स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज ने बताया कि भिक्षा के मूल उद्देश्य है अन्तनिहित पूर्णता के विकास जोकि श्री माँ सारदा देवी अनुष्ठानिक पाठयक्रम के बिना ही अपने जीवन में करके दिखाया। श्रीरामकृष्ण मठ में श्री माँ का छह दिवसीय जन्मोत्सव हुआ शुरु।
भगवान के अवतार श्री रामकृष्ण अपने सहधर्मिणी श्री माँ सारदा देवी की न केवल विधिपूर्वक पूजन किया बल्कि श्रद्धा एवं सच्चा प्यार के जरिए नारी जागरण के आदर्श स्थापित किया। तत्पश्चात मुख्य मन्दिर में भजन गाया गया उस दौरान तबले पर संगत भातखण्डे संगीत संस्थान, लखनऊ के शुभम राज द्वारा दिया गया। संध्या अनुष्ठान में बडी़ संख्या में भक्तगणों ने भाग लिया एवं उपस्थित सभी भक्तों को सामाजिक दूरी एवं कोविड प्रोटोकाल के तहत प्रसाद वितरण के पश्चात कार्यक्रम समाप्त हुआ।