माघ माह की मौनी अमावस्या इस बार एक फरवरी मंगलवार को खास महोदय योग में है। महोदय योग साल में एक बार ही बनता है। यह योग अमावस्या तिथि, श्रवण नक्षत्र व व्यतिपात योग के संयोग से बनता है।

ज्योतिषविद मनोज पाठक के अनुसार स्नान पर्व पर सूर्योदय से लेकर सुबह 11.16 बजे तक ‘महोदय योग’ का संयोग है। इस योग में गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान का खास विधान है। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या सोमवार अपराह्न 2 बजकर 19 मिनट से अमावस्या शुरू होगी। जो मंगलवार सुबह 11:16 बजे तक रहेगी। पर्व पर मौन रहकर स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी। मौनी अमावस्या मौन रहकर पितृ दोष से मुक्ति पाने का भी दिन है। इस दिन पितरों का पिंडदान व तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
पाठक बताते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन किसी गरीब या जरुरतमंद को तिल के लड्डू, कंबल, आंवला जैसी चीजों का दान करें। पद्मपुराण के उत्तरखंड में माघ मास की अमावस्या के महात्म्य का खास वर्णन है। इसमें लिखा है व्रत, दान और तपस्या से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नान मात्र से होती है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन देवी-देवता स्वर्ग लोक से आकर गंगा में वास करते हैं। इस वजह से इस दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पाप मिट जाते हैं और कष्ट दूर होते हैं। स्नानपर्व पर प्रयागराज और हरिद्वार में विशेष स्नान होता है।
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