हमीरपुर विधानसभा की सदर सीट पर वन विभाग के रिटायर्ड एसडीओ को सपा से उम्मीदवार बनाए जाने से यहां पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं में आक्रोश भड़क गया है। बुधवार को बड़ी संख्या में सपाईयों ने पार्टी दफ्तर के सामने नारेबाजी कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है।
हमीरपुर सदर विधानसभा की सीट के लिए प्रोफेसर मनोज कुमार प्रजापति, जितेन्द्र मिश्रा, विंग कमांडर जितेन्द्र निगम, रिटायर्ड एसडीओ रामप्रकाश प्रजापति, नीरज कश्यप, संजय दीक्षित समेत तमाम नेताओं ने अखिलेश यादव से टिकट मांगा था। इन नामों को लेकर पार्टी मुख्यालय में पिछले कई दिनों से मंथन चल रहा था। सोमवार की रात अखिलेश यादव ने हमीरपुर सदर सीट से रामप्रकाश प्रजापति को उम्मीदवार घोषित किया तो पार्टी के पदाधिकारी और जमीनी कार्यकर्ता भड़क गए।
बुधवार को सैकड़ों की संख्या में पार्टी के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के अलावा चुनाव के लिए आवेदन करने वाले नेताओं ने पार्टी दफ्तर के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। कार्यकर्ताओं ने नए चेहरे पर अखिलेश यादव के दांव लगाए जाने का विरोध करते हुए नारेबाजी की है। पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने बुधवार को दोपहर बताया कि रामप्रकाश प्रजापति का पुत्र एसडीएम है। ये खुद ही वन विभाग में नौकरी करते रहे है। इन्हें हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में कोई जानता भी नहीं है। ऐसे में पार्टी को तगड़ा झटका लगना तय है। पार्टी के लोगों ने बताया कि इसी तरह से राठ, चरखारी और महोबा में भी प्रत्याशी थोपे गए है जिन्हें लेकर जमीनी कार्यकर्ता नाराज है।
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पार्टी कार्यकर्ताओं के आक्रोश को लेकर बदल सकता है उम्मीदवार
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि संभावित प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ आज कई घंटे तक पार्टी दफ्तर के बाहर हंगामा कर रामप्रकाश प्रजापति की उम्मीदवारी पर सवाल किए है। जिसे लेकर अब जल्द ही अखिलेश यादव कोई बड़ा फैसला फिर ले सकते हैं। क्योंकि पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की नाराजगी से यहां चुनाव में सपा का खेल भी बिगड़ सकता है, इसीलिए राठ सीट के लिए जैसे प्रत्याशी बदला गया है, वैसे ही यहां सदर सीट पर भी प्रत्याशी का टिकट कट सकता है।