नयी दिल्ली। राहुल गांधी को दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग एक बार फिर से पार्टी के भीतर तेज हुई है। कुछ दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस मामले को उठाया था। पार्टी सांसदों की शनिवार को हुई वर्चुअल बैठक में यह मामला छाया रहा, जबकि चर्चा के दौरान राहुल गांधी चुप रहे।
सूत्रों ने कहा कि राहुल के करीबी सांसद गौरव गोगोई और मनिकराम टैगोर ने पार्टी नेतृत्व से कहा कि इस कठिन समय में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाए। इससे पहले जून में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में गहलोत ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग की थी।
बैठक से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जोर देकर कहा कि पार्टी नेतृत्व को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के ऊर्जावान नेतृत्व में पार्टी संगठन को खड़ा करने की चुनौती लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दोनों युवा नेताओं के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मुकाबले की हिम्मत और साहस है।
दिग्विजय ने एक श्रंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, “पार्टी नेत़ृत्व को ईंट दर ईंट पार्टी संगठन को खड़ा करने की चुनौती लेनी चाहिए। इसमें हमें राहुल जी और प्रियंका जी की गतिशीलता की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि दोनों के पास मोदी-शाह की जोड़ी से मुकाबला करने की हिम्मत और साहस है।”
लेकिन राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि वह निकट भविष्य में इस पद पर वापस नहीं लौटने वाले हैं। उन्होंने इस विषय पर पिछले महीने एक सवाल के जवाब में कहा था, “आप कृपया मेरे उस पत्र को पढ़िए, जिसे मैंने साल भर पहले इस मुद्दे पर लिखा था।” बता दे की राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।