पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव ने सूबे की सियासत का माहौल खासा गर्म कर दिया है। इसी गर्म माहौल के बीच तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच में वाकयुद्ध देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में इस बार ममता बनर्जी और उनके पुराने साथी शुभेंदु अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, ममता बनर्जी ने आज एक रैली के दौरान नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो शुभेंदु अधिकारी ने भी एक बड़ी प्रतिज्ञा ले ली है।

शुभेंदु अधिकारी ने किया बड़ा ऐलान
बीजेपी का दामन थाम चुके शुभेंदु अधिकारी ने ताल ठोक कर कहा कि अगर उन्होंने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को नहीं हराया तो वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने यह ऐलान सोमवार को साउथ कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए किया।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल एक पार्टी नहीं बल्कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। उन्होंने ममता के राजनीतिक कौशल पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि तृणमूल को अगर बिहार से चुनावी रणनीतिकार (प्रशांत किशोर) नियुक्त करने की जरूरत पड़ रही है तो इससे यह साबित होता है कि राज्य में बीजेपी बढ़त हासिल कर चुकी है।
ममता बनर्जी के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने पर शुभेंदु अधिकारी ने भी ऐलान कर दिया कि अगर उन्होंने ममता को नहीं हराया तो वह सियासत को अलविदा कह देंगे। अधिकारी ने कहा कि अगर नंदीग्राम में मैं उन्हें (ममता बनर्जी) आधे लाख से अधिक वोट से नहीं हराया तो राजनीति छोड़ दूंगा।
वहीं बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी को भवानीपुर में जीत का भरोसा नहीं है इसलिए वह नंदीग्राम में दांव आजमा रही हैं। टीएमसी के मंत्री सुरक्षित सीटों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां जाते हैं उन्हें कोई नहीं मिलेगा।
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असल में ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वो नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने सोमवार को एक चुनावी सभा में यह ऐलान किया। इससे पहले वह भवानीपुर से चुनाव लड़ती आई हैं। नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र इसलिए भी अहम है क्योंकि इस इलाके में शुभेंदु अधिकारी का प्रभाव माना जाता है। लेकिन अब ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान कर शुभेंदु अधिकारी को कड़ी चुनौती पेश कर दी है।
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