उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय बचा है। ऐसे में सूबे में सभी राजनीतिक दल खुद को मजबूत करने की कवायद में जुट गई हैं। इसी क्रम में सपा में शिवपाल यादव के नेतृत्व वाली प्रसपा के विलय होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, बीते दिन कालपी में शिवपाल यादव ने ऐसे सभी कयासों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। दरअसल, शिवपाल ने साफ़ लफ्जों में कहा है की सपा और प्रसपा का आपस में विलय नहीं होगा, लेकिन गठबंधन हो सकता है।

शिवपाल यादव ने कहा- सपा उनकी प्राथमिकता लेकिन…
मिली जानकारी के अनुसार, सूबे के चुनावी महासंग्राम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के कवायद में जुटे प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव की सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा बीते सोमवार को जालौन के कालपी पहुंची। यहां शिवपाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सपा उनकी प्राथमिकता में है लेकिन पार्टी का विलय नहीं होगा, लेकिन गठबंधन हो सकता है। उन्होंने दावा किया नेताजी उनके साथ हैं और पूरी तरह से उनका आशीर्वाद उन्हें प्राप्त है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी सेक्युलर दलों से गठबंधन करेगी।
इसके पहले अहरौली शेख बाईपास के निकट शिवपाल ने एक गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि परिवर्तन यात्रा का उद्देश्य सत्ता का परिवर्तन है। मौजूदा समय में प्रदेश की जनता मंहगाई, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी से परेशान है। खाद व बीज के दाम बढ़ गए हैं। निजीकरण के नाम पर रेल, टेलीफोन, एयरपोर्ट सब पूंजीपतियों को सौंपे जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने महंगाई व किसानों का मुद्दा उठाते हुए सूबे की सत्तारूढ़ योगी सरकार को जमकर आड़े हाथों भी लिया।
शिवपाल यादव ने कहा कि इससे पूंजीपतियों की आय 40 गुना बढ़ गयी है, जबकि आम लोग महंगाई से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि किसानों पर काला कानून थोपा गया है। प्रसपा की सरकार बनने पर वह 300 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे। उन्होंने कहा कि 2022 में सरकार बनाने की चाबी उनके पास है, वह सेक्युलर दलों से समझौता कर रहे हैं। जालौन होते हुए देर शाम यात्रा झांसी पहुंची, यहां रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को यात्रा आगे बढ़ेगी।
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बीजेपी पर तंज कसते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस सरकार में महंगाई चरम पर है। युवा बेरोजगार है। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। किसानों को धोखा मिला, बेरोजगारी से नौजवान परेशान हैं। जनसामान्य उत्पीड़न का शिकार है। लोग भाजपा से मुक्ति चाहते हैं।
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