शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत बाहर आ गए हैं। राजनीतिक गलियारों में उनका स्वागत जारी है। खास बात है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना से अलग हुए समूह भी राउत का स्वागत कर रहा है। साथ ही समूह का कहना है कि राउत के साथ कोई व्यक्तिगत रूप से दुश्मनी नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिंदे समूह के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि राउत को जमानत देने के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम संजय राउत को मिली जमानत का स्वागत करते हैं। हमें उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। अगर संजय राउत गलत बोलते हैं, तो उन्हें उसी तरह जवाब दिया जाता है। अगर वह ठीक से बात करेंगे, तो उनका समर्थन किया जाएगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब यह रास्ता अपनाया जाता है, तो निजी संबंधों में दरार नहीं आती। अगर वे आलोचना करते हैं, तो उनकी आलोचना का स्वागत है। आलोचना हमें जवाब देने का मौका देती है, हमारे शासन को बेहतर बनाती है। लेकिन आलोचना करते समय यह उम्मीद की जाती है कि आलोचना सही भाषा में की जाए।’
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राउत का आगे क्या है प्लान
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच की आंच का सामना कर रहे राउत करीब 102 दिनों के बाद बाहर आए हैं। गुरुवार को सांसद ने बताया कि वह दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने कुछ निर्णय अच्छे लिए हैं, मैं उनका स्वागत करूंगा। मैं आज उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलूंगा। कुछ दिनों में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करूंगा। मैं दिल्ली में जाकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मिलूंगा।’
इस दौरान उन्होंने साजिश करने वालों को चेतावनी भी दे दी। राउत ने कहा, ‘जिन लोगों ने ये साजिश रची थी, अगर उनको आनंद मिला होगा तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं। मेरे मन में किसी के लिए कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी व्यवस्था को या फिर किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा। महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है।’
क्या था मामला
प्रवर्तन निदेशालय ने राउत को 31 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। वे करीब 102 दिनों तक रिहाई के इंतजार में रहे। ईजी मुंबई के उपनगरीय इलाके में स्थित पात्रा चॉल परियोजना में घोटाले की जांच कर रही थी।