लखनऊ. जोमैटो के मुसलमान डिलिवरी बॉय से पार्सल स्वीकारने का विरोध करनेवाले हिन्दू ग्राहक पर ‘भोजन का धर्म नहीं होता’, ऐसा कहकर कानूनी कार्रवाई की मांग सेक्युलरवादियों ने की; परंतु आज भारत में मांसाहार ही नहीं; अनेक शाकाहारी पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, औषधियां, चिकित्सालय, गृहसंकुल, डेटिंग साईट आदि हेतु इस्लामी कानूनों के अनुसार हलाल सर्टिफिकेट की व्यवस्था लागू है। इससे इस्लामी संस्थाओं को हजारों करोड रुपए मिलते हैं। वास्तव में सेक्युलर भारत में इस्लामी आर्थिकनीति को बढावा देनेवाली हलाल सर्टिफिकेट की व्यवस्था 80 प्रतिशत हिन्दुओं पर लादा गया ‘जजिया कर’ ही है और उसे निरस्त करने हेतु हिन्दुओं को संगठित होना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने किया। 30 जुलाई से 2 अगस्त और 6 से 9 अगस्त की अवधि में नवम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के दूसरे दिन हलाल सर्टिफिकेट के माध्यम से भारत में आर्थिक जिहाद विषय पर बोल रहे थे ।
इस अधिवेशन में तमिलनाडु स्थित हिन्दू मक्कल कत्छी के संस्थापक अध्यक्ष अर्जुन संपथ ने कहा कोरोना वाहक की भूमिका निभानेवाले तब्लीगी जमात के देहली में हुए कार्यक्रम में तमिलनाडु के 2,500 से अधिक लोग सहभागी हुए थे। उनके राज्य में लौटने पर उनपर कार्रवाई करने की अपेक्षा उन्हें अनेक चिकित्सा सुविधाएं दी गई । ठीक होने पर प्रशासकीय अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। उनमें कुरान का वितरण किया गया। इसके विपरीत इस समय हिन्दुओ को चिकित्सा सुविधाएं देने में भेदभाव किया जा रहा है।
तमिलनाडु के शिवसेना राज्यप्रमुख जी. राधाकृष्णन् ने इस समय कहा पेरियार तथा द्रमुक कार्यकर्ताओ ने भाषण की स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू धर्म, परंपरा, संस्कृति, स्तोत्र तथा ब्राह्मण समाज को अपमानित कर हिन्दूद्वेष को बढावा दिया। पेरियार की मूर्ति पर रंग डालनेवाले हिन्दू कार्यकर्ता पर कार्रवाई की जाती है परंतु इन हिन्दू विरोधियों पर नहीं की जाती। जहां धर्म पर आघात होंगे वहां हम सडकर पर उतरेंगे कानूनी लडाई भी लडेंगे।
पाकिस्तान में रहनेवाले 2 सहस्र से अधिक हिन्दुओं को भारत की नागरिकता दिलानेवाले निमित्तेकम संस्था के अध्यक्ष जय आहूजा ने इस समय कहा आज पाकिस्तान में बचे शेष 70 लाख हिन्दुओं का वंशविच्छेद करने का काम रियासत-ए-मदीना अर्थात काफिरमुक्त भूमि की संकल्पना के अंतर्गत वहां की इमरान खान सरकार कर रही है। प्रतिदिन हिन्दू लडकियों का बलपूर्वक अपहरण, निकाह, आगे उन्हें वेश्या व्यवसाय में धकेलकर उनका शोषण किया जाता है। कोरोना महामारी के समय दिहाडी पर काम करनेवाले 1,600 हिन्दुओ को भोजन के पैकेट देने के बदले उनका धर्मांतरण किया गया।
पाकिस्तानी हिन्दुओ के लिए कार्य करनेवाली मीनाक्षी शरण ने कहा, ‘पाक के पीडित हिन्दू भारत में आश्रय लेते हैं. उन्होंने अत्याचार सहन किए, परंतु धर्म नहीं बदला। वे सच्चे निष्ठावान हिन्दू हैं, परंतु भारत के मुख्य प्रवाह में वे अभी तक समाहित नहीं हुए। उनकी कला और कुशलता देखकर उन्हें काम दिलाना होगा।
‘प्रज्ञता’ संस्था के सहसंस्थापक आशिष धर ने कहा, ‘हम राष्ट्र-धर्म पर हो रहे आघातों के विषय में जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से वीडियो बनाकर उसे प्रसारित करते हैं। विस्थापित कश्मीरी पंडित, राम मंदिर निर्माण, बांग्लादेशी हिन्दुओं की व्यथा आदि अनेक विषयों पर जनजागरण हुआ है।