उत्तराखंड में अंकिता भंडारी मर्डर केस में एक आरएसएस नेता के लिए फेसबुक पोस्ट करना मुसीबत का कारण बन गया। दरअसल आरोप के मुताबिक उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक नेता विपिन कर्णवाल ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट में मृतका अंकिता भंडारी की तुलना कच्चे दूध से की। उनके इस बयान के बाद जब विवाद खड़ा हुआ तो पुलिस एक्शन में आई और कर्णवाल केस दर्ज के बाद से फरार है।
पोस्ट में क्या था:
विपिन कर्णवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ”मैं इसलिए किसी कैंडल मार्च या बाजार को बंद कराने नहीं गया, क्योंकि 19 साल की लड़की की जो पिता और भाई कमाई खाता हो, और वो लड़की सुनसान जंगल के एक ऐसे रिजॉर्ट में काम करती हो, जहां अय्याशी होती हो। सबसे बड़ा गुनहगार तो ऐसी लड़की का बाप ही है जो कच्चा दूध भूखे बिल्लों के सामने रख दिया।”
इस विवादित पोस्ट को लेकर उत्तराखंड में आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख संजय ने द टेलीग्राफ को बताया कि कर्णवाल पहले हरिद्वार के लिए विभाग प्रचार प्रमुख थे और उन्हें तीन महीने पहले उनके पद से हटा दिया गया था। फिलहाल उनके पास आज के समय में आरएसएस का कोई पद नहीं है।
वहीं कर्णवाल की इस पोस्ट को लेकर ऋषिकेश निवासी जितेंद्र पाल पाठी ने शिकायत दर्ज करवाई है। हालांकि उनका कहना है कि कर्णवाल मौजूदा समय में भी हरिद्वार के लिए आरएसएस के विभाग प्रचार प्रमुख के पद पर हैं। बता दें कि विपिन कर्णवाल की पोस्ट पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा देखा जा रहा है। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरी पोस्ट से अगर लोगों की भावानाएं आहत हुई हों, तो इसके लिए मुझे खेद है। मेरी पोस्ट को लोगों ने सही भावना से नहीं लिया, यह महसूस करने के बाद मैंने पोस्ट को तुरंत हटा दिया।
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बता दें कि अंकिता मर्डर के बाद रिसॉर्ट को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं। इसमें काम करने वाले कई पूर्व कर्मचारियों का आरोप है कि रिसॉर्ट वेश्यावृत्ति और ड्रग्स का अड्डा था, जो अक्सर वीआईपी के लिए था। इस मर्डर केस में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य विनोद आर्य के बेटे हैं। गौरतलब है कि विनोद आर्य को भाजपा ने निलंबित कर दिया है।