पटना। देश में एक बार फिर से वीर सावरकर पर बहस छिड़ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बाद अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले शिवानंद तिवारी ने वीर सावरकर को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने साल 1923 में पहली बार हिन्दुत्व शब्द का इस्तेमाल किया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि मैं गोमांस वाली बात तो नहीं जानता हूं। लेकिन मैंने उनको पढ़ा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि कोई जानवर मनुष्य का मां या बाप कैसे हो सकता है… गाय को अपनी की मां कहना मानव जाति का अपमान है।
उन्होंने कहा कि सावरकर की कुछ बातों को आप मानेंगे और इस बात को नहीं मानेंगे। राजद नेता ने कहा कि वीर सावरकर ने साल 1923 में पहली बार हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल किया और कहा कि हिन्दुत्व और हिन्दू धर्म दोनों अलग-अलग है। राजद नेता ने कहा कि सावरकर ने हिन्दुत्व की जो परिभाषा की उसे सही माना जाने लगा और वेद, पुराणों की बातों को गलत ठहरा दिया गया। यह अद्भुत है और देश को नकारात्मक दिशा में बदलने की कोशिश की गई। जो देश की एकता, अखंडता और धर्म के लिए बहुत खतरनाक है।
धर्मांतरण के मुद्दे पर गुलाम नबी आजाद ने दिया बड़ा बयान, बोले- तलवार के दम पर नहीं…
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा था किया कि हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर ने गौ पूजा का समर्थन नहीं किया था। कांग्रेस नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा था कि वीर सावरकर ने अपनी एक किताब में कहा था कि गोमांस खाने में कुछ भी गलत नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा था कि उन्होंने (वीर सावरकर ने) अपनी पुस्तक में यह भी स्पष्ट रुप से लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने दावा किया कि सिंह सावरकर को गलत तरीके से उद्धृत कर रहे हैं।