खिसियाए इमरान ने कश्मीर का जिक्र कर EU से कहा… पाकिस्तान गुलाम नहीं

नई दिल्ली:  घरेलू और बाहरी मोर्चे पर गंभीर संकट झेल रहे नये पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है. रूस-यूक्रेन (Ukraine) युद्ध ने उनकी भी अच्छी-खासी मिट्टी पलीद करा दी है. सिर्फ घर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उनकी बड़ी फजीहत हो रही है. पहले तो वह थोपे गए मेहमान की तरह ऐन उस दिन मास्को  पहुंचे, जिस दिन रूस (Russia) ने यूक्रेन पर हमला बोला था. इस पर उनकी कड़ी आलोचना हुई. अब ताजा कड़ी में यूरोपीय संघ (EU) के सदस्यों ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग के लिए पत्र लिख सलाह दे डाली. अब इस पर हुई फजीहत से तैश में आए इमरान खान ने कश्मीर का जिक्र कर अपनी खीझ निकालने का काम किया है.

यूएन में यूक्रेन को समर्थन के लिए लिखा गया पत्र

गौरतलब है कि पाकिस्तान में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों सहित 22 राजनयिक मिशनों के प्रमुखों ने एक मार्च को संयुक्त रूप से पाकिस्तान को पत्र लिखा. पत्र में पाकिस्तान से यूक्रेन में रूस हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया गया था. हद तो यह कर दी गई कि इस पत्र को सार्वजनिक कर दिया गया. कूटनीतिक स्तर पर ऐसे पत्रों को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. जाहिर है इससे संदेश यह गया कि इमरान खान को निर्देश देकर काम कराया जाता है. इसके बाद घरेलू मोर्चे पर विपक्षी दलों ने उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया.

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कश्मीर का जिक्र कर पूछा कि ईयू ने भारत पर लगाए प्रतिबंध

इससे खिसियाए इमरान खान को एक रैली में साफ करना पड़ा कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों का गुलाम नहीं है. इमरान खान ने भारत का जिक्र कर कड़े शब्दों में जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘जब भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया, तब किसी पश्चिमी देश ने भारत से अपना संबंध क्यों नहीं तोड़ा’? उन्होंने कहा, ‘मैं यूरोपीय संघ के राजदूतों से पूछना चाहता हूं… क्या आपने भारत को ऐसा पत्र लिखा था? क्या आप में से किसी ने हिंदुस्तान से कोई रिश्ता तोड़ा? उन पर कोई प्रतिबंध लगाए? तो हम आपके सामने क्या हैं? हम कोई गुलाम हैं कि जो आप कहेंगे हम कर लें?’ इसके साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान का जिक्र कर नाटो पर भी निशाना साधा.