समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव भू-माफियाओं की पैरवी करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचे थे। सपा नेता की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की यह घटना अब सुर्खियों में है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि वह सरकारी जमीन कब्जा करने वाले अपने करीबी व सपा के पूर्व विधायक की पैरवी करने पहुंचे थे।
सपा के वरिष्ठ नेता की मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात को प्राथमिक तौर पर औपचारिकता भर मानी जा रही थी। बाद में राम गोपाल का पत्र वायरल हुआ तो कहानी कुछ और सामने आई है। कहा जा रहा है कि अपनों पर जब बुल्डोजर चलने की आहट मिली तो राम गोपाल यादव सोमवार की शाम मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए। रामगोपाल की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। अपने करीबियों पर हो रही कार्रवाई रोकने की अपील की है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह व उनकी पत्नी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा यादव समेत उनके परिजनों पर लगाए गए मुकदमों को झूठा बताया है। इसकी निष्पक्ष जांच उन्होंने सीबीआई या फिर एसआइटी से कराने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि जांच के दौरान एटा जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई रोक दी जाए।
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यह है मामला
रामगोपाल ने एटा के भू- माफिया रामेश्वर और जोगेंद्र यादव की पैरवी की है। रामेश्वर यादव समाजवादी पार्टी से तीन बार विधायक रहे हैं। जोगेंद्र यादव और रामेश्वर यादव पर करीब 80 केस दर्ज हैं। सरकारी जमीन कब्जा करने के मामले में गैंगस्टर एक्ट के अलावा अन्य धाराओं में इनके खिलाफ केस दर्ज है। पुलिस ने दोनों भाईयों की 29 करोड़ की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया की शुरू कर दी है। डीएम ने 18 जून को कुर्की का आदेश जारी किया था। दोनों भाई और उनकी पत्नी के नाम पर है 28 करोड़ 81 लाख 549 रुपये की चल और अचल संपत्ति है।