सुप्रीम कोर्ट ने केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से 2019 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सरिता एस नायर द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने केरल हाईकोर्ट के 31 अक्टूबर, 2019 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसके द्वारा वायनाड और एर्नाकुलम में लोकसभा चुनावों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।
राहुल गांधी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
2 नवंबर, 2020 को राहुल गांधी के चुनाव को चुनौती देने वाली नायर की याचिका को शीर्ष अदालत ने गैर-अभियोजन के लिए खारिज कर दिया था। बाद में, शीर्ष अदालत में याचिका की बहाली की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया गया था। जब मामला शुक्रवार को कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आया तो बेंच ने बहाली की अर्जी मंजूर कर ली।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘विशेष अनुमति याचिका को उसके मूल नंबर पर बहाल किया जाता है। गुण-दोष के आधार पर याचिकाकर्ता के वकील को सुनने के बाद, हमें विवादित आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता। तदनुसार, विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।’
2 नवंबर, 2020 को यह मामला भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आया था। शीर्ष अदालत ने तब कहा था, ‘दूसरी कॉल पर भी, कोई भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ा नहीं था। विशेष अनुमति याचिका को गैर-अभियोजन के लिए खारिज कर दिया गया है।’
नायर का नामांकन पत्र अधिकारियों ने किया खारिज
वायनाड और एर्नाकुलम लोकसभा सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नायर का नामांकन पत्र 2019 में राज्य में सौर घोटाले से संबंधित दो आपराधिक मामलों में उनकी दोषसिद्धि और सजा के कारण संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा खारिज कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने नहीं स्वीकार की नायर की याचिका
उच्च न्यायालय ने दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव को चुनौती देने वाली नायर की याचिका को यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया था कि उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था, क्योंकि दो आपराधिक मामलों में सजा निलंबित नहीं की गई थी। कोर्ट ने कहा था कि अपीलीय अदालत ने मामलों में केवल सजा को निलंबित कर दिया था।
नायर का नामांकन पत्र खारिज
उच्च न्यायालय ने कहा था कि अपील याचिका में मांगी गई राहत से यह स्पष्ट है कि नायर ने केवल सजा पर रोक लगाने की मांग की थी, न कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने की। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के तहत नायर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया गया था, जो एक आपराधिक मामले में सजा के आधार पर अयोग्यता के लिए निर्धारित है।
यह भी पढ़ें: राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी को दिया जवाब, बोले- हर बार मंशा पर संशय मेरी समझ से परे
राहुल ने वायनाड से चार लाख से अधिक मतों से दर्ज की जीत
राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय कम्युनिस्ट के पीपी सुनीर को 4 लाख 31 हजार 770 मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीती थी। पीपी सुनीर को 2,74,597 वोट मिले थे, जबकि गांधी को 7,06,367 वोट मिले थे।