वायनाड के लिए प्रियंका गांधी ने उठाई आवाज, संसद के बाहर जमकर दिया प्रदर्शन

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को संसद के मकर द्वार पर वायनाड के भूस्खलन प्रभावित लोगों के लिए वित्तीय सहायता की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान केरल के विपक्षी सांसद उनके साथ थे। विपक्षी सांसदों ने बैनर ले रखे थे, जिन पर लिखा था कि वायनाड के लिए न्याय, वायनाड के लिए राहत पैकेज प्रदान करें। और वायनाड को न्याय दो, बेदखल न करें। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे सांसद नारे लगा रहे थे कि केरल के खिलाफ भेदभाव बंद करो।

प्रियंका गांधी ने कहा- सरकार वायनाड को विशेष राहत पैकेज देने से इनकार कर रही केंद्र

पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि हम इस बात से बहुत परेशान हैं कि सरकार वायनाड को विशेष राहत पैकेज देने से इनकार कर रही है। हमने प्रधानमंत्री और सभी से अनुरोध किया है कि वे इसे गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करें और विशेष पैकेज दें।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह की बड़े पैमाने पर तबाही हुई है, जहां कांग्रेस सत्ता में है। वे लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि केंद्र पीड़ितों की मदद करे और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करे। पूरी सरकार ने तबाही, दर्द और पीड़ा देखी है।

प्रियंका गांधी ने सरकार से की भेदभाव न करने की अपील

वायनाड से सांसद ने कहा कि फिर भी, सिर्फ राजनीति के कारण, दोनों मामलों में केंद्र सरकार पीड़ितों को वह सब करने से मना कर रही है जो उन्हें मिलना चाहिए। वे भारत के नागरिक हैं। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

केरल में भूस्खलन से गई 300 लोगों की जान

केरल में 30 जुलाई को सबसे ज़्यादा भूस्खलन हुआ, जिसमें 300 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और घरों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। इस आपदा ने मुंदक्कई और चूरलमाला इलाकों के निवासियों को बुरी तरह प्रभावित किया।

कांग्रेस ने पीएम मोदी के महाकुंभ दौरे पर बोला हमला

केरल कांग्रेस पार्टी ने प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गंगा में नौकायन करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था। पार्टी ने पोस्ट को कैप्शन दिया कि लोकतंत्र के पिता संसद सत्र को छोड़कर इधर-उधर घूमते हुए कैमरे में कैद हुए।

प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को संसद में दिया था अपना पहला बयान

इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया, जिसमें उन्होंने संविधान पर बहस के दौरान मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों का नेतृत्व किया और एनडीए सरकार पर पिछले 10 सालों में संविधान को खारिज करने का हर संभव प्रयास करने का आरोप लगाया।

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कांग्रेस नेता ने संभल और मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा, लोकसभा के नतीजों और संविधान का मुद्दा उठाकर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि आज लोगों को सच बोलने से डराया जा रहा है। चाहे पत्रकार हो या विपक्षी नेता या यूनिवर्सिटी प्रोफेसर, सभी का मुंह बंद है। विपक्षी नेताओं की ईडी, सीबीआई, आईटी द्वारा जांच की जाती है और झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसी को नहीं बख्शा। उनकी मीडिया मशीन झूठ फैलाती है और आरोप लगाती है।