राम मंदिर के पुजारी दिखेंगे नए अवतार में, पीतांबरी धोती और सिर पर साफा, 5 घंटे की होगी सेवा ड्यूटी

राम मंदिर के पुजारी दिखेंगे नए अवतार में, पीतांबरी धोती और सिर पर साफा, 5 घंटे की होगी सेवा ड्यूटी

  • राम मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू, स्मार्टफोन पर पूरी तरह बैन, 21 नए पुजारियों की हुई तैनाती

अयोध्या। अयोध्या में रामलला के पुजारियों के लिए सोमवार से नया ड्रेस कोड लागू हो गया। अब यहां के पुजारी खास परिधान में दिखेंगे। अभी तक गर्भगृह में मौजूद पुजारी केसरिया रंग के कपड़ों में दिखते थे। अब ये पुजारी सिर पीला साफा, पीतांबरी चौबंदी के साथ धोती में दिखेंगे।

वहीं राम मंदिर में दर्शनार्थियों के बाद पुजारियों पर भी मोबाइल ले जाने से प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा गठित धार्मिक समिति ने मंदिर में सोमवार से पुजारियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।

अब रामलला के पूजन अर्चन के लिए 26 पुजारी अलग-अलग शिफ्टों में सेवा देंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा गठित धार्मिक समिति ने 21 नए प्रशिक्षित पुजारियों को पूजन पद्धति में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए ट्रस्ट ने सभी पुजारी की आई कार्ड भी जारी कर दिया है।

जल्द ही छह माह तक लिए गए प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट देने के साथ नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया जाएगा। मंदिर के सहायक पुजारी अशोक उपाध्याय बताते हैं कि ट्रस्ट ने राम मंदिर में आने वाले पुजारियों के एंड्रॉयड फोन को भी लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनके मुताबिक सिर्फ बात करने के लिए कीपैड वाला ही फोन ले जा सकते हैं।
हर पुजारी को करनी होगी पांच-पांच घंटे की सेवा

रामलला मंदिर में हर सहायक पुजारी को अब पांच घंटे पूजा अवश्य करनी होगी। मंदिर में अभी चार सहायक पुजारी हैं। हर सहायक पुजारी के साथ ही 5 ट्रेनी पुजारी भी लगे हुए हैं। रामलला मंदिर में सेवा की शुरुआत सुबह तीन बजकर 30 मिनट से हो जाती है। इसके बाद यह रात 11 बजे तक होती है।

पुजारियों को हर टीम को अब 5-5 घंटों की सेवा देनी होगी। रामलला की भोग आरती दोपहर 12 बजे होती है। वहीं, संध्या आरती शाम 7 बजकर 20 पर होती है। इसके बाद भोग आरती 8 बजे होती है। शयन आरती 10 बजे होती है। इसके बाद गर्भगृह के पट बंद कर दिए जाते हैं। अब इन अलग-अलग पहर में होने वाली आरतियों के लिए अलग-अलग पुजारी होंगे। अब ट्रेनी पुजारी भी सहायक पुजारियों की तरह ही अपनी सेवा देंगे।