राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रथम महिला सविता कोविन्द ने रविवार को राजभवन में बोनसाई गार्डन के पुनरुद्धार और विस्तारीकरण कार्यों का लोकार्पण किया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और राज्य की प्रथम महिला गुरमीत कौर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राष्ट्रपति कोविन्द ने राजभवन में इस पहल की अत्यंत प्रशंसा की और राष्ट्रपति भवन में भी इस प्रकार की शुरुआत करने के लिए राजभवन उत्तराखंड का सहयोग लिए जाने की बात कही।
राज्यपाल की पहल पर राजभवन परिसर में स्थित इस बोनसाई गार्डन को 1500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विस्तारित किया गया है। गार्डन में लगभग 220 प्रकार के बोनसाई पौधे संरक्षित किए गए हैं, जिनमें फ्लावरिंग बोनसाई, फ्रूट बोनसाई, क्लाइंबरस और विभिन्न लुप्तप्राय प्रजाति के बोनसाई पौधे रखे गए हैं।
राज्यपाल की परिकल्पना के अनुसार बोनसाई गार्डन में बांस के द्वार (बैंबू गेट) का भी निर्माण किया गया है। उन्होंने इस बोनसाई गार्डन में 500 अत्यंत विशिष्ट प्रजाति के अतिरिक्त पौधे संरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि बोनसाई से संबंधित तकनीकी जानकारी आम जनमानस को भी मिलनी चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि राजभवन के इस बोनसाई गार्डन में 50 वर्ष से अधिक आयु तक के बोनसाई पेड़-पौधों को संरक्षित किया गया है। इनकी देखभाल वैज्ञानिक विधि द्वारा की जाती है। सभी पौधों पर उनके वैज्ञानिक नाम और अनुमानित आयु लिखी गई है। इनमें से अधिकांश बोनसाई पौधे राजभवन निर्माण के समय अपने मूल स्थान से ट्रांसप्लांट कर गार्डन में संरक्षित किए गए हैं। प्रतिवर्ष राजभवन में आयोजित पुष्प प्रदर्शनी में आने वाले लोगों के लिए यह बोनसाई गार्डन मुख्य आकर्षण रहता है। इस अवसर पर राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।