लखनऊ। नन्दना बीकेटी स्थित 51 शक्तिपीठ तीर्थ में नवरात्र के आठवें दिन माँ महागौरी की आराधना की गई। भजन गाये गये। मां की महिमा का बखान करते हुये रघुराज दीक्षित ने कहा कि आराधना के आशीष से जागृत विवेक, संकल्पित पौरूष व प्रबल पराक्रम की ज्योति से प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय अनुग्रह के लिए चिर-प्रचारित सत्यनिष्ठा के अलावा साहस, संकल्प व विवेक के नए रास्तों का रहस्योद्घाटन करती यह पर्व राम द्वारा मानवीय कमजोरियों से लड़ते हुए ईश्वरत्व तक पहुँचने की महायात्रा है। मन्दिर में शाम को भजन संध्या का आयोजन हुआ। सात महीने बाद शक्तिपीठ में मासिक भजन संध्या शुरुआत हुई।

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भजनों की प्रस्तुति
शुरुवात कथाव्यास कल्याणी देवी ने ‘जगदम्बा घर मे आई..से की। संचालक कर हे प्रेम नारायण मेहरोत्रा ने ‘मातारानी के दरबार आओ……’ डॉ अंजू भारती ने ‘मां के चरणों मे अपने श्रद्धा सुमन’ ‘कान्हा गोकुल में माखन खिलाया नही…., पदमा गिडवानी ने ‘कितनी तू करुणामई मां…., सुनाकर माहौल को भक्तिमय बनाया। बाद में मन्दिर की ओर से सभी भजन गायको सम्मानित किया गया।
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