जन-जन की भावनाओं और आस्था की आधार गंगा नदी अपनी स्वच्छ और निर्मल धारा से नई कहानी लिखने जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ से पहले गंगा को पूरी तरह से नाला मुक्त किये जाने की बड़ी योजना तैयार की है। इसपर काम भी शुरू कर दिया गया है। संगम को देखते हुए गंगा और यमुना में एक भी नाला नहीं गिरने की कार्ययोजना को जमीन पर उतारा जा रहा है। नमामि गंगे विभाग के अधिकारियों के साथ सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इन सभी तैयारियों का जायजा लिया। समीक्षा बैठक में जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जल निगम के एमडी बलकार सिंह, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार समेत विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जलशक्ति मंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारीयों को गंगा और यमुना को हर हाल में महाकुम्भ से पहले नाला मुक्त करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने हर घर योजना के एक-एक जिले की समीक्षा की। उन्होंने कहा घर-घर तक नल कनेक्शन देने के अभियान को और तेज गति से किया जाये। बुंदेलखण्ड को दिसंबर तक हर घर नल बनाना है।
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उन्होंने कहा कि प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ लाखों हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है। ऐसे में उसकी निर्मलता और अविरलता को बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने नमामि गंगे विभाग के अधिकारियों से गंगा में मिलने वाली नदियों और उसमें गिरने वाले सभी छोटे-बड़े नालों की सूची मांगी। गंगा और यमुना में गिरने वाले नालों को टैप करने और डाइवर्ट करने के काम को तेजी से पूरा किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बिजनौर से बलिया तक गंगा नदी के किनारे जनसहयोग और जनभागीदारी से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे संचालित सभी एसटीपी की पल-पल निगरानी की जाए। नदियों में किसी प्रकार की गंदगी न गिरे इसको सुनिश्चित किया जाए।