बंगाल की सियासत में सोमवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला है । दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिजीत मुखर्जी ने सोमवार को हाथ का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2012 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर बंगाल के जंगीपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके अभिजीत द्वारा ली गई तृणमूल की सदस्यता को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका करार दिया जा रहा है।

अभिजीत ने ममता को लेकर दिया बयान
तृणमूल में शामिल होने के बाद अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी ने जिस तरह बीजेपी की सांप्रदायिक लहर को रोका, मुझे विश्वास है कि भविष्य में वह दूसरों के सहयोग से पूरे देश में ऐसा ही कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक सदस्यता के अलावा मुझे कांग्रेस पार्टी के किसी समूह या पद में शामिल नहीं किया गया था। इसलिए मैं एक सैनिक के रूप में टीएमसी में शामिल हुआ हूं और पार्टी के निर्देशों के अनुसार काम करूंगा। मैं अखंडता और धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने के लिए काम करूंगा।
कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में अभिजीत मुखर्जी ने तृणमूल नेता पार्था चटर्जी की मौजूदगी तृणमूल की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्था चटर्जी ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी ने तृणमूल में शामिल होने की इच्छा जताई थी। उन्होंने ये विचार अभिषेक बनर्जी के पास व्यक्त किया था और आज वह तृणमूल में शामिल हो गए हैं। पार्था चटर्जी ने कहा कि हम पार्टी में अभिजीत मुखर्जी का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अपने पारिवारिक विरासत को लेकर आ रहे अभिजीत मुखर्जी देश में बीजेपी मुक्त वातावरण बनाने में मदद करेंगे।
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हालांकि अभिजीत मुखर्जी द्वारा उठाया गया यह कदम उनकी बहन शर्मिष्ठा को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है। शर्मिष्ठा ने भाई अभिजीत के इस कदम को दुखद बताया है। शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर लिखा- SAD।
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