महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लेटर बम फोड़ने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह सियासी जंजीरों में जकड़ते नजर आ रहे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गृहमंत्री अनिल देशमुख की शिकायत करने की वजह से सूबे की सत्तारूढ़ महा अघाड़ी गठबंधन के नेताओं ने परमबीर सिंह के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। इसी क्रम में इस बार एनसीपी मुखिया शरद पवार ने परमबीर सिंह के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
गृहमंत्री के बचाव में उतरे शरद पवार
शरद पवार ने कहा कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं, इसलिए इसकी जांच की जरूरत ही नहीं है। इस तरह शरद पवार ने गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दी है।
शरद पवार ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि परमबीर सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि फरवरी के मध्य में गृहमंत्री अनिल देशमुख सचिन वाझे से मिले थे। पवार ने कहा कि अनिल देशमुख 5 फरवरी से 15 फरवरी तक कोरोना की वजह से अस्पताल में थे। इसके बाद 15 फरवरी से 27 फरवरी तक एकांतवास में थे। इसलिए परमबीर सिंह का पत्र ही तथ्यहीन है, इसलिए इस मामले की छानबीन की जरूरत नहीं है।
इसके बाद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री की 15 फरवरी को की गई पत्रकार वार्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया। अनिल देशमुख ने इस वीडियो के बारे में कहा कि 15 फरवरी को वे अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए थे।
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एकांतवास में जाने से पहले उन्होंने अस्पताल परिसर में ही पत्रकार वार्ता की थी क्योंकि पत्रकार अस्पताल में ही उनसे मिलने के लिए आए थे। इसके बाद वे अपने घर पर 27 फरवरी तक एकांतवास में रहे। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोप और इस पत्र के आधार पर विपक्ष की मांग को निराधार बताया है।