निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने भाजपा के वरिष्ठ नेता व गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के बाद कहा कि भाजपा छोड़कर भाग रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान व अन्य का कोई असर नहीं पड़ने वाला है। अब जनता किसी नेता को वोट नहीं करती है। जनता जागरूक हो गयी है। वह नेता नहीं नीति को वोट करती है। नीति कोई नेता नहीं बल्कि पार्टी बनाती है। इसलिए कोई चिंता की बात नहीं है। भाजपा गठबंधन की फिर से 2022 में प्रचण्ड बहुमत के साथ सरकार बनने जा रही है। निषाद ने कहा कि और इस गठबंधन में उनकी निषाद पार्टी को करीब डेढ़ दर्जन सीटें मिलेंगी।
उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात हुई है। बकौल निषाद उन्होंने भाजपा के साथ जीत के फार्मूले पर चर्चा की है। ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने की अपील की है जो कर्मठ, जुझारू स्वच्छ छवि वालें हैं। जनता की पंसद के प्रत्याशी होने चाहिए। पश्चिम के बुलंद शहर, आगरा, फिरोजाबाद, रामपुर जैसे जिले हैं। पूर्वांचल के ढेर सारे वह जिले हैं जिनमें निषाद पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर बेहतर प्रदर्शन किया था। उस चुनाव में सपा और बसपा का ऐतिहासिक गबंधन हुआ था। बावजूद भाजपा को जीत मिली थी।
भारत में सनातन संस्कृति को नष्ट करने का कार्य हुआ था। भाजपा ने उसे अयोध्या, काशी, मथुरा समेत अन्य स्थानों के पुनरोद्धार के माध्यम से पुन: स्थापित करने का काम किया है। इसके लिए भाजपा को मै धन्यवाद देता हूं। त्रेतायुग में जब निषादराज और भगवान राम गले मिले तो समाज में शांति आयी। श्रृग्वेंपुर पुर धाम को भाजपा सरकार में विकसित किया जा रहा है। भगवान राम और निषादराज की गले लगते हुए मूर्ति लगाने का फैसला किया। पहले की सरकारों ने कभी नहीं सोचा। यह हमारे निषादराज से जुड़ा स्थान है। निषाद राज जब भगवान राम की कैबिनेट में आए थे तब उस समय जो बजट पास हुआ, उससे राम राज्य आया था। पुन: 2022 में वह राम राज्य आएगा। भाजपा गठबंधन की योगी सरकार आएगी। उस योगी कैबिनेट में निषाद पार्टी का भी प्रतिनिध होगी।
विपक्ष पर हमला बोलते हुए संजय निषाद ने कहा कि देश की नैया अब तक दूसरे लोग खे रहे थे। वह हमारी संस्कति को खत्म करने में जुटे थे। अब भाजपा और निषाद पार्टी मिलकर सरकार बनाएंगी। खोई हुई विरासत को हम पुन: लौटाएंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के योगी मंत्रिमण्डल से इस्तीफा देने पर कहा कि यह तो इलेक्शन है। चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से मंत्रियों की भूमिका समाप्त हो जाती है। आपके अंदर यदि योग्यता है तो चुनाव लड़कर आईए। उन्हें जनता के बीच जाना चाहिए। उन्हें जनता के मुद्दों को उठाना चाहिए। हम मोदी, योगी के खिलाफ जनता के मुद्दों को लेकर लड़ते हैं। वह लोग हमें संतुष्ट करते हैं। मैं जनता के बीच जाता हूं। इसलिए इधर-उधर भागकर जाने का कोई मतलब नहीं है। जनता सब समझ रही है। अब वोट किसी नेता की जेब नहीं है। वोट पार्टियों के पास है। अब जनता किसी नेता को नहीं बल्कि नीति को वोट करती है। नीति कोई नेता नहीं बल्कि पार्टी बनाती है। इसलिए 2022 में योगी फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं।
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डॉ. संजय निषाद ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का सांगठनिक ढांचा करीब डेढ़ सौ सीटों पर काम कर रहा है। विपक्ष की नीति और नियत दोनो खराब है। भाजपा ने निषादों के खिलाफ कभी कुछ भी गड़बड़ नहीं की। उसने अच्छा ही किया है। इसलिए निषाद समेत पूरा पिछड़ा समाज भाजपा गठबंधन को 2022 में जिताने का मन बना लिया है।