कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सात महीनों से चल रहा किसान आंदोलन केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रहा है। अपने आंदोलन को नई गति देने की कवायद में जुटे किसान नेताओं ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित राज भवन का घेराव करने की योजना बनाई है। इसके अलावा दिल्ली में भी अपने आंदोलन को नई ताकत देने की योजना बनाई है। हालांकि, इसी बीच बताया जा रहा है कि इस आंदोलन पर पाकिस्तान भी नजर बनाए हुए हैं और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई इन प्रदर्शनों में खतरा पैदा कर सकती है।

किसान आंदोलन को लेकर टिकैत ने दी जानकारी
दरअसल, आज से सात महीना पहले आज ही के दिन यानी कि 26 दिसंबर को किसान आंदोलन की शुरूआत हुई थी। इसी वजह से किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर किसान नेताओं ने सरकार को घेरने की योजना बनाई है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि देश में अघोषित आपातकाल लगा है, इसलिए राजभवन का घेराव कर राज्यपाल को सभी किसान ज्ञापन सौंपेंगे। इसी बीच, किसान ट्रैक्टरों के साथ आज प्रदर्शन करेंगे।
हालांकि, इसी बीच देश की सुरक्षा एजेंसियों ने आगाह किया है कि किसान आंदोलन के दौरान आज होने किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने के साथ ही इस पर पाकिस्तान की ISI की नजर पड़ चुकी है और वह इन प्रदर्शनों पर खतरा पैदा कर सकती है। खुफिया एजेंसियों के इस खुलासे के बाद इस बारे में दिल्ली पुलिस और CISF की टीमों को आगाह कर दिया गया है।
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26 जून को किसान नेता द्वारा प्रायोजित ट्रैक्टर रैली को लेकर राकेश टिकैत ने कहा था कि ट्रैक्टर दिल्ली का रास्ता न भूल जाएं, इसलिए आएंगे। 26 तारीख हर महीने आते हैं…ट्रैक्टर आएंगे। हालांकि, उस हिसाब से नहीं आएंगे, जो जनवरी में आए थे। पर ट्रैक्टर यात्राएं चलेंगी। ये यात्राएं सहारनपुर (यूपी) से शुरू होंगी। 24, 25 और 26 जून को। टैंक, टि्वटर और ट्रैक्टर, ये चीजें चलानी पड़ेंगी।
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