536 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान ने रखा हिरासत में, लेकिन फिर भी भारत ने दिखाया बड़ा दिल

भूल से पंजाब से सटीं अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंचे पाकिस्तानी मूल के तीन वर्षीय बच्चे को सीमा सुरक्षा बल ने पाकिस्तान में उसके परिवार को वापस सौंप दिया है। अधिकारियों ने बताा कि यह घटना शुक्रवार शाम की है।

शाम को करीब सात बजे राज्य के फिरोजपुर सेक्टर से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक बच्चे को बाड़ के पास रोते हुए देखा। बच्चे के आसपास कोई नहीं था। बच्चा रोते-रोते अपने परिवार को याद कर रहा था। वह बार-बार पापा और मम्मी को याद कर रहा था। काफी छोटा होने के कारण वह अधिक कुछ नहीं बोल और बता पा रहा था। इसके बाद बीएसएफ के फील्ड कमांडर ने पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ इस मसले को हल करने के लिए फ्लैग मीटिंग की पेशकश की। बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजर्स को बताया कि एक बच्चा भटककर उनके पास आ गया है। इसके बाद फ्लैग मीटिंग की गयी और अधिकारियों ने बच्चे को पाकिस्तान को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया। पिता की मौजूदगी में रेंजर्स को पहले बच्चा सौंपा गया जिन्होंने उसके पिता को बच्चे को दे दिया।

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मछुआरों को रिहा करे पाकिस्तान

भारत ने पाकिस्तान से उसकी हिरासत में रखे गए 536 भारतीय मछुआरों को तत्काल रिहा करने को कहा है। साथ ही तीन अन्य कैदियों को रिहा करने की भी मांग की है। भारत ने पाकिस्तान से कहा कि इन सभी ने अपनी निर्धारित सजा पूरी कर ली है और सभी को तत्काल रिहा किया जाए। भारत ने पाकिस्तान के समक्ष सभी की भारतीय नागरिकता की पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, पाकिस्तान से उनके 105 मछुआरों और 20 अन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को कहा है। यह सभी काफी समय से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। भारत का कहना है कि ये सभी उनके नागरिक हैं।

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