पूरे विश्व में लाखों लोगों की मौत का कारण बन चुके कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के सभी देश काफी सतर्क नजर आ रहे हैं। कई देशों में तो वैक्सीनेशन का काम भी शुरू हो चुका है। भारत ने भी वैक्सीन में बनी कोरोना वैक्सीन को हरी झंडी दे दी है और लोगों को कोरोना वैक्सीन लगना भी शुरू हो गया है। वहीं, पाकिस्तान अभी भी कोरोना वैक्सीन के लिए तड़प रहा है। पाकिस्तान के लिए कोरोना वैक्सीन का बंदोबस्त करना काफी मुश्किल हो रहा है।
वैक्सीन के जुगाड़ में लगा है पाकिस्तान
इस बात की जानकारी पाकिस्तान की सत्तारूढ़ इमरान खान सरकार के एक शीर्ष अधिकारी से हुई है, जिन्होंने बताया है कि पाकिस्तान ने कोविड -19 वैक्सीन का आयात करने के लिए फाइनल ऑर्डर नहीं दिया है और न ही किसी वैक्सीन मैन्युफैक्चरर ने वैक्सीन की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान के अनुरोध स्वीकार किया है।
हेल्थ के मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट डॉ फैसल खान ने न्यूज इंटरनेशनल के साथ बात करते हुए कहा कि हालांकि, हम अपने फ्रंटलाइन वर्कर्स और दूसरे लोगों के लिए जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीन का पहला बैच प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन फाइनल ऑडर्र अभी तक नहीं दिया गया है और न ही किसी भी वैक्सीन मैन्युफैक्चरर इसका अनुरोध स्वीकार किया है।
पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कराची में फेज-1 के ट्रायल के बाद चीन के स्वामित्व वाली कंपनी सिनोफार्मा से कोविड-19 वैक्सीन आयात करने में बाधा जल्द ही जाएगी।
पाकिस्तान ने कोविड -19 मामलों की कुल 5,14,338 हो चुकी है और इस वायरस से 10,863 लोगों की मौत हो चुकी हैं। पाकिस्तान के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि हालांकि चीन की कंपनी सिनफार्मा ने ड्रग नियामक प्राधिकरण (डीआरएपी) के साथ अपना डेटा जमा किया है, लेकिन इसकी खरीद पर कोई समझौता नहीं किया गया है।
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डॉ फैसल खान ने आगे कहा कि दूसरा वैक्सीन कैन्सिनो है जिसका ट्रायल अभी चल रहा है और वे अपना डेटा कुछ सप्ताह में ही हमें सबमिट कर देंगे। हम रूसी वैक्सीन Sputnik V में भी इंटरेस्टेड हैं, जिन्होंने कुछ डेटा जमा किया हैं लेकिन हमने उनसे और डेटा मांगा है। उन्होंने कहा कि हम कोवाक्स फैसिलिटी और डायरेक्ट रूप से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन प्राप्त करने की भी कोशिश कर रहे हैं।