यूपी में 2022 का शंखनाद भले ही अभी न हुआ हो लेकिन चुनावी महाभारत शुरू हो चुकी है। यूपी में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के इरादे से पूरे दम-खम से जुटे हैं। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत की ओर से उन्हें बीजेपी की बी टीम और चाचाजान तक की संज्ञा दे दी गई है। अपने मिशन को सफल करने के लिए ओवैसी दावा कर रहे हैं कि इस बार यूपी में एम-वाई समीकरण नहीं चलने वाला है। बल्कि इस बार ए-टू-जेड समीकरण ही सत्ता का रास्ता दिखाएगा। ओवैसी उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। अगर बिहार को छोड़ दें तो बंगाल में ओवैसी की पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई है। ऐसे में इधर ओवैसी यूपी में एआईएमआईएम के लिए जमीन तलाशने की कोशिश में लगे हैं। उधर गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने उनके गढ़ हैदराबाद में दस्तक दे दी। जहां उन्होंने कांग्रेस, टीआरएस और मजलिस के गठजोड़ पर कारारा चोट किया।
कांग्रेस का पूरे देश में हो रहा पतन
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस का पूरे देश में पतन हो रहा है और कांग्रेस सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का तेलंगाना में विकल्प नहीं हो सकती है, केवल भाजपा ही विकल्प हो सकती है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोग भाजपा के साथ हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनावों और इसके बाद दुब्बाक विधानसभा उपचुनाव तथा पिछले वर्ष हुए बृहद हैदराबाद नगर निगम चुनावों से पता चलता है। उन्होंने कहा कि टीआरएस को एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) का सहयोग लेना पड़ा (नगर निकाय चुनावों के बाद)। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश में कांग्रेस का खात्मा हो रहा है। तेलंगाना में कांग्रेस टीआरएस का विकल्प नहीं हो सकती है। आप बताइए अगर कांग्रेस मजलिस (एआईएमआईएम के भय) के कारण विकल्प बनती है तो वह वही करेगी जो टीआरएस कर रही है। क्या वे ओवैसी के खिलाफ वे लड़ सकते हैं?… तेलंगाना का सम्मान केवल भाजपा बढ़ा सकती है और कोई नहीं।’’
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एआईएमआईएम के सहयोग के बिना सरकार बनेगी तब ही सही स्वतंत्रता आएगी
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने तेलंगाना को 17 सितंबर 1948 को स्वतंत्र करा दिया था, लेकिन सही स्वतंत्रता तब आएगी जब एआईएमआईएम के सहयोग के बिना सरकार बनेगी। उन्होंने टीआरएस के कथित परिवार शासन पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही ऐसी सरकार दे सकती है, जो परिवार के शासन से मुक्त हो।