कभी संसद में थे दो सदस्य, आज भारतीय राजनीति का बरगद बन गई BJP, जानिए 2 सीट से 303 तक के सफर की हर एक बात

BJP Foundation Day 2022: 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिस भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी. वो 42 साल बाद बीजेपी के रूप में भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा बरगद बन गया है. आज बीजेपी देश ही नहीं दुनिया की भी सबसे बड़ी पार्टी है. केन्द्र के अलावा देश के 18 राज्यों में बीजेपी (एनडीए) की सरकार है. आज बीजेपी के 42 वें स्थापना दिवस के मौके पर हम आपको बीजेपी के फर्श से अर्श तक के सफर से रू-ब-रू करा रहे हैं.

6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना की गई थी. इसी दिन जनता पार्टी से अलग बीजेपी की नींव रखी गई. भारतीय राजनीति में बीजेपी हिंदुत्व की राजनीति करने वाली पार्टी के रूप में विख्यात हुई. नवनिर्मित इस दल के अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने थे.

दरअसल, जब जनसंघ का जनता पार्टी में विलय किया गया तो संगठन में वैचारिक मतभेद उभरने लगे. जिसके बाद जनता दल से इतर एक अलग संगठन बनाने का विचार किया गया. इसी के बाद बीजेपी अस्तित्व में आयी.

स्थापना के बाद बीजेपी के लिए राहें आसान नहीं थी. 1984 में पहली बार दीपक के बदले कमल के चिन्ह पर बीजेपी चुनावी मैदान में उतरी. हालांकि, इस चुनाव में पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली. बीजेपी के दो सांसद ही जीतकर संसद पहुंच सके थे.

1984 में पहली बार भाजपा ने अपने कमल निशान से चुनाव लड़ा. देश में उस वक्त कांग्रेस की लहर थी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जनता की भावनाएं राजीव गांधी के साथ थीं. कांग्रेस ने विपक्षियों के खिलाफ कद्दावर लोगों को चुनाव में उतारा. अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ माधवराव सिंधिया और हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ अमिताभ बच्चन को उतारा गया. इस चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने 415 सीटें जीत लीं. भाजपा को दो मिलीं. बीजेपी के ए के पटेल जो गुजरात के मेहसाणा से और सी जे रेड्डी आंध्र प्रदेश के हनमकोंडा से जीते थे. इस चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव हार गये थे.

रथयात्रा ने बदली तस्वीर: अभी तक बीजेपी राजनीति में कोई खास मुकाम हासिल नहीं कर पाई थी. इस बीच बीजेपी कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा निकाली. बीजेपी के लिए यह यात्रा मील का पत्थर साबित हुई. राजनीति परिवेश में बीजेपी एक हिंदूवादी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई. साथ ही इससे राजनीतिक ध्रुवीकरण का पार्टी को फायदा पहुंचा. 1989 के चुनाव में बीजेपी 85 सीटों पर जीत दर्ज की.

13 दिन की सरकार: 1996 के आम चुनाव के बाद, भाजपा लोकसभा, संसद के निचले सदन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया. अटल बिहारी वाजपेयी ने पीएम पद की शपथ ली. लेकिन 13 दिनों के कार्यकाल के बाद बहुमत हासिल नहीं करने की सूरत में सरकार गिर गई. वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया.

इसके बाद 1998 में फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिला. इस बार सरकार 13 दिन नहीं 13 महीने चली. लेकिन गठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई.

इसके बाद 1999 में लोकसभा का चुनाव हुआ. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी भी मैदान में उतरी. बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही थी. चुनाव में गठबंधन को 294 सीटों पर जीत मिली. अकेले बीजेपी ने 182 सीटों पर जीत दर्ज की. अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम बने. इस बार सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया.

दो चुनावों में करना पड़ा हार का सामना: इसके बाद 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति से संन्यास ले लिया. लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी की कमान संभाली थी.

मोदी बने पीएम चेहरा: 2004 और 2009 के चुनावों में मिली हार के बाद बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग होने लगी थी. इसी बीच पार्टी ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को अपना पीएम फेस बनाया. बीजेपी के लिए एक ऐतिहासिक घटना थी.

चुनाव में जनता ने कांग्रेस सरकार को नकार दिया. मोदी लहर में बीजेपी की बंपर जीत हुई. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की. बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत दर्ज किया. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने

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2019 के चुनाव में फिर बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की. बीजेपी का कद देश में बढ़ता गया और कांग्रेस सिमटती गई. केन्द्र के साथ साथ राज्यों में भी बीजेपी की सरकार बनने लगी. आज 18 राज्यों में एनडीए की सरकार है. अपने 42 साल के सफर में बीजेपी देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

बीजेपी की महत्वपूर्ण जोड़ियां: बीजेपी में कई जोड़ियां काफी प्रसिद्ध रही हैं. पहले जनसंघ में डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की जोड़ी. बीजेपी बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी. अब बीजेपी में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी.