टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया। 41 साल बाद भारत ने ओलंपिक में पदक जीता है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद देशभर में जश्न का माहौल है। सभी खुश हैं और बधाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी भारतीय टीम को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह, कोच ग्राहम रीड और सहायक कोच पीयूष दुबे से फोन पर बात की और उन्हें जीत के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कप्तान मनप्रीत सिंह से कहा कि आपको बहुत-बहुत बधाई। आपने बहुत गजब का काम किया है। पूरा देश नाच रहा है। इस पर मनप्रीत ने टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। मनप्रीत ने कहा कि आपकी हमारे साथ बहुत दुआएं थीं। आपका जो मोटिवेशन था, वह हमारी टीम के काफी काम आया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सबको मेरी तरफ से बधाई दीजिएगा। हमसब 15 अगस्त को मिल रहे हैं। मैंने सबको बुलाया है। इस पर मनप्रीत ने कहा- जरूर सर।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने कोच ग्राहम रीड और सहायक कोच पीयूष दुबे से भी बात की। प्रधानमंत्री ने सहायक कोच पीयूष दुबे से बात करते हुए कहा कि दुबे जी बहुत-बहुत बधाई। पूरा देश गौरव कर रहा है। इस पर दुबे ने कहा कि आपने जो प्रोत्साहन दिया था, उसी का कमाल है। प्रधानमंत्री ने कोच ग्राहम रीड से भी बात की। इतिहास रचने के लिए उन्हें बधाई दी।
‘भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व’
इससे पहले ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री ने हॉकी टीम को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की याद में अंकित होगा। कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई। इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने पूरे देश, खासकर हमारे युवाओं की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है।
एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रफुल्लित भारत! प्रेरित भारत! गर्वित भारत! टोक्यो में हॉकी टीम की शानदार जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। यह नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा भारत है। हॉकी टीम को फिर से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ऐसा रहा मुकाबला
इस मुकाबले में जर्मनी ने अच्छी शुरुआत करते हुए मैच के दूसरे मिनट में ही पहला गोल कर 1-0 की बढ़त बना ली थी। पहले क्वार्टर की समाप्ति पर जर्मनी ने 1-0 की बढ़त कायम रखी। दूसरे क्वार्टर में 17वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने गोल कर भारत को 1-1 से बराबरी दिला दी।
24वें मिनट में निकल्स वेलेन ने गोल कर जर्मनी को 2-1 से आगे कर दिया। अगले ही मिनट में बेनेडिक्ट फर्क ने गोल कर जर्मनी को 3-1 से आगे कर दिया। इसके बाद मैच के 27वें मिनट में हार्दिक सिंह और 29वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर भारत को 3-3 से बराबरी दिला दी।
हाफ टाइम तक दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर रहीं। दूसरे हाफ के पहले और मैच के 31वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और रुपिंदर पाल सिंह ने गोल कर भारत को 4-3 से आगे कर दिया। मैच के 34वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने भारत के लिए पांचवां गोल किया।
चौथे क्वार्टर में जर्मन टीम ने वापसी की पूरी कोशिश की और खेल के 48वें मिनट में लुकास विंडफेडर ने गोल कर स्कोर 4-5 कर दिया। हालांकि इसके बार जर्मनी की टीम ने बराबरी की बहुत कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षकों ने कोई मौका नहीं दिया और अंत में मैच 5-4 से जीतकर भारतीय हॉकी प्रेमियों को जश्न मनाने का मौका दे दिया।
41 साल बाद हॉकी टीम ने देशवासियों को दी ऐतिहासिक सौगात, खुशी से हुईं आँखें नम
जैसे ही मैच में आखिरी हूटर बजा मैदान पर खिलाड़ियों के साथ पूरे देश की आंखें खुशी से नम हो गईं। इससे पहले हॉकी में भारत ने अपना आखिरी पदक 1980 के मॉस्को में जीता था।