भारत और रूस के बीच एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर एक अहम समझौता हुआ है. भारत सरकार ने रूस से एडवांस पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का निर्णय लिया है. गोवा में आयोजित 5वें भारत-रूस इंटर गवर्नमेंटल कमिशन सबग्रुप मीटिंग के दौरान यह समझौता हुआ.
यह डील रूस की हथियार एक्सपोर्ट कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ की गई है. इस समझौते के तहत रूस और भारत पांत्सिर वैरिएंट के एयर डिफेंस सिस्टम का मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और जॉइंट डेवलपमेंट करेंगे. इस डील के तहत भारत का लक्ष्य मेक इन इंडिया इनिशिएटिव के तहत डिफेंस प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है.
पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत
पांत्सिर एक वर्सेटाइल मोबाइल प्लेटफॉर्म है, जिसे आर्मी बेस और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को हवाई हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें एयरक्राफ्ट, ड्रोन और सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री को नष्ट करने की क्षमता है. इसके एडवांस रडार और ट्रैकिंग सिस्टम की मदद से यह 36 किमी दूर और 15 किमी ऊंचाई तक के टारगेट को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम है. पांत्सिर सिस्टम में दो जुड़वां 30 मिमी तोपों के साथ 12 मिसाइलें हैं, जो 20 किमी तक की दूरी तक उड़ सकती हैं और 15 किमी की ऊंचाई पर हवाई लक्ष्यों को नष्ट कर सकती हैं.
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सटीक हमला करने की क्षमता
यह सिस्टम .ऑटोमेटिक लैंड से हवा में मार करने वाली एंटी मिसाइल और एंटी एयरक्राफ्ट प्रणाली है. इसमें प्लेन हेलीकॉप्टर, सटीक मार करने वाले हथियारों और क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट करने की क्षमता है. पांत्सिर सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों से सैन्य, औद्योगिक और प्रशासनिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है और ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है. इसमें 12 दो-चरण वाली ठोस ईंधन मिसाइलें हैं, जो 1000 मीटर/सेकंड तक उड़ने वाले लक्ष्यों को 1300 मीटर प्रति सेकंड की गति से नष्ट कर सकती हैं. इसका 20 किलोग्राम का वारहेड फिक्स्ड विंग विमान, मिसाइलों और बड़े ड्रोन जैसे दुश्मन प्रोजेक्टाइल को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.