कोरोना की वजह से उत्तर प्रदेश में दिन पर दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अब आलम यह है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को श्मशान घाट पर लंबी लाइन लगाना पड़ रहा है। कई जगहों पर तो घंटो की लाइन के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल पा रही। इस बीच राजधानी लखनऊ से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई। यहां श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जगह न मिलने पर परिवार वाले शव को यू ही छोड़कर चले गए। इस शव का अंतिम संस्कार बाद में सफाईकर्मी ने किया।

गौरतलब है कि इन दिनों पूरे देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यूपी में कोरोना के सबसे अधिक मामले राजधानी लखनऊ से ही सामने आ रहे हैं। शनिवार को 24 घंटे में लगभग 6 हजार कोरोना संक्रमण के नए केसेस सामने आए थे। कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही इससे मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चाहे अस्पताल का मुर्दा घर हो या फिर श्मशान घाट दोनों में ही लोगों को लंबी लाइने लगानी पड़ रही है।
आलमबाग शवदाह गृह की घटना
जानकारी के अनुसार श्मशान घाट में बिना अंतिम संस्कार के लिए शव छोड़ने की घटना लखनऊ के आलमबाग स्थित शवदाह गृह का है। पिछले कई दिनों से यहां कोविड संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए काफी भारी संख्या में लोग आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब 50 से ज्यादा शव रोजाना यहां अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। शवदाह गृह के लोगों का कहना है कि इतने लोगों को एक साथ जगह नहीं मिलती। और जगह खाली होने में भी काफी समय लगता है। ऐसे हालात में कई लोग अब शव रखकर जाने लगे हैं।
श्मशान घाट पर डेड बॉडी छोड़ने के मामले पर शवदाह गृह के नितिन पंडित ने बताया कि शनिवार देर शाम को एक परिवार गोरखपुर से आया है। उनके साथ में जो डेड बॉडी थी वह कोरोना संक्रमित थी। उन्होंने कहा कि जब वे आए तो उस समय जगह खाली नहीं थी इस वजह से उन्हें इंतजार करने को कहा गया। नितिन ने बताया कि जब जगह खाली हुई तो उन्हें बुलाने के लिए कहा गया लेकिन जब लोग शाम को वहां पहुंचे तो सिर्फ डेड बॉडी थी परिजन नहीं।
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रात 12 बजे किया गया अंतिम संस्कार
उन्होंने कहा कि काफी देर तक परिजनों का इंतजार किया गया लेकिन जब रात हो गई और काफी समय बीत गया तो सफाई कर्मी द्वारा करीब रात 12 बजे उस शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। नितिन ने बताया कि शवदाह गृह में भी कोरोना नियमों को ध्यान में रखा जाता है। एक साथ ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए एक साथ सभी लोगों को अंदर नहीं आने दिया जाता। लेकिन अब लोग शवों को छोड़कर जाने लगे हैं।
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