बीजेपी नेताओं का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्वगुरु की उपाधि धारण करके पूरी दुनिया में देश को नंबर वन बना दिया है, लेकिन वास्तव में विश्वगुरु की कृपा से भारत दुनिया का ऐसा देश बन गया है, जहां सबसे महंगी एलपीजी बेचीं जा रही है। पीएम मोदी पर यह जोरदार तंज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कसा है। उन्होंने कहा कि देश को महाशक्ति बनाने का सपना दिखाने वाले मोदी ने भारत में रसोई गैस की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा बढ़ाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार की खबर लेते हुए नाना पटोले ने कहा कि घरेलू रसोई गैस की कीमत एक हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। जबकि कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 2250 रुपए हो चुकी है। वही पूरी दुनिया की तुलना करें तो पेट्रोल के मामले में भारत दुनिया में तीसरा महंगा देश है जबकि डीजल के मामले में हम आठवें स्थान पर हैं। देश में प्रति व्यक्ति को अपनी आय का 28% ईंधन पर खर्च करना पड़ रहा है। पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में भारी वृद्धि से आम जनता का बजट बुरी तरह से बिगड़ गया है। विकसित देशों की तुलना में भारतीय नागरिकों को ईंधन पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है। नाना पटोले ने कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण आम जनता को ईंधन की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश के लोगों को अच्छे दिन का सपना दिखाया था। उन्होंने भारत को महाशक्ति बनाने की बात कही थी लेकिन न तो अच्छे दिन आए और न ही भारत महाशक्ति बना। हालांकि महंगाई के मामले में देश पूरी दुनिया में सबसे आगे है। आज सीएनजी में 5 रुपए और पीएनजी में 4.50 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इस वजह से आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ने वाली है।
नाना पटोले ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान एलपीजी की कीमत 410 रुपये थी जबकि पेट्रोल की कीमत 72 रुपये प्रति लीटर थी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार हमेशा से यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देती थी कि महंगाई का बोझ आम आदमी पर न पड़े, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में आम लोगों से ज्यादा उद्योगपति मित्रों के हितों का ध्यान रखा जाता है। मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है। ये कीमतें घटकर 18 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई थीं। आठ साल के औसत पर कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल पर हैं लेकिन मोदी सरकार ने ईंधन पर टैक्स बढ़ाकर लोगों को लूटने का काम किया है।
पटोले ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2014 तक पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये टैक्स था. वही रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर टैक्स 1 रुपए था। लेकिन मोदी सरकार के दौरान पेट्रोल पर 32.90 रुपये, डीजल पर 31.80 रुपये, रोड टैक्स पर 18 रुपये, कृषि उपकर पर 2 रुपए का टैक्स वसूला जा रहा है। इतना बड़ा टैक्स लगाकर मोदी सरकार ने आम आदमी की जेब से 26 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। महंगाई सिर्फ ईंधन तक ही सीमित नहीं है बल्कि सीमेंट, लौह अयस्क और ईंटें भी महंगी हो गई हैं। 810 आवश्यक दवाओं के दाम 10 फीसदी बढ़ गए हैं। महंगाई दर 6.95 फीसदी है और अगले साल तक 10 फीसदी हो जाएगी, लेकिन सरकार आंकड़े छिपा रही है। पटोले ने यह भी कहा कि मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए हिंदू-मुस्लिम दंगों और धार्मिक मुद्दों का सहारा ले रही है क्योंकि वह आम आदमी की समस्याओं को हल निकालने में पूरी तरह से नाकाम रही है।