मस्जिद को बचाने के लिए मुस्लिम समुदाय ने खटखटाया दरवाजा, तो हाईकोर्ट ने सुना दिया सख्त आदेश

उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर हुए विवाद के बाद दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को उत्तरकाशी जिला प्रशासन को शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सभी स्थिति से अवगत कराने का आदेश दिया है।

यह आदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती की खंडपीठ ने दिया। यह पीठ बीते बुधवार को उत्तरकाशी में भटवारी रोड स्थित मस्जिद की सुरक्षा की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दशकों पहले बनी यह मस्जिद सुन्नी समुदाय की है।

याचिकाकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

हाईकोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि मस्जिद के विरोध में एक दिसंबर को महापंचायत प्रस्तावित है और उन्होंने इसकी अनुमति न देने के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए उप महाधिवक्ता जेएस विर्क ने कहा कि प्रशासन ने महापंचायत के लिए अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने दावा किया कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिन-रात गश्त की जा रही है और शहर में स्थिति सामान्य है।

उत्तरकाशी के अल्पसंख्यक सेवा समिति नामक संगठन द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि 24 सितंबर से कुछ संगठन मस्जिद को अवैध बताते हुए इसे ध्वस्त करने की धमकी दे रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि इसके कारण शहर में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है और मस्जिद की सुरक्षा की मांग की गई है।

याचिका में आगे दावा किया गया कि मस्जिद 1969 में खरीदी गई भूमि पर बनाई गई थी और वक्फ आयुक्त ने 1986 में इसका निरीक्षण किया था और इसे वैध पाया था।

किया जा रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि मस्जिद को गिराने की मांग करने वाले संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश दिया है कि यदि किसी जाति, धर्म या समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की जाती है तो सीधे मामला दर्ज किया जाए।

यह भी पढ़ें: रवांडा से प्रत्यर्पित हुआ लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी, किगाली में किया गया था गिरफ्तार

वकील ने कहा कि ऐसा न करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा, तथापि राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है। अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।

अक्टूबर में निकाली गई थी विरोध रैली

अक्टूबर में मस्जिद को गिराए जाने की मांग को लेकर आयोजित एक विरोध रैली के दौरान कथित तौर पर संयुक्त हिंदू संगठन नामक संगठन ने पथराव किया, जिसके कारण पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस द्वारा रैली का मार्ग बदलने की कोशिश करने पर भड़की झड़पों में सात पुलिसकर्मियों सहित 27 लोग घायल हो गए। संगठन का दावा है कि मस्जिद का निर्माण सरकारी भूमि पर अवैध रूप से किया गया था।