मुंबई में 2002-2003 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मास्टरमाइंड साकिब नाचन ने आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) के लिए याचिका दायर कर भारत के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, नाचन ने सुप्रीम कोर्ट में आईएसआईएस और इसी तरह के अन्य समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाली सरकारी अधिसूचना को रद्द करने के लिए याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर की सुनवाई
बुधवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई की, क्योंकि नाचन जेल से पीठ के समक्ष वर्चुअली उपस्थित हुए। न्यायमूर्ति कांत ने नाचन को एक एमिकस की सेवाएं लेने की सलाह दी। पीठ ने कहा कि आप जेल से ऑनलाइन पेश हो सकते हैं। अगर आप कुछ जोड़ना चाहते हैं, तो हम आपको इसकी अनुमति देंगे।
नाचन के इस पर सहमत होने पर पीठ ने कहा कि हम जेल अधिकारियों से कहेंगे कि वे आपको न्याय मित्र से मिलने की अनुमति दें।
एनआईए ने 2023 में दावा किया था कि नाचन मुख्य आरोपी है और आईएसआईएस मॉड्यूल का मुखिया है। कहा जाता है कि वह आतंकी संगठन में शामिल होने वाले युवाओं को बयात या आईएसआईएस के खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाता था।
मार्च 2016 में दोषी ठहराया गया था नाचन
मुंबई धमाकों के लिए नाचन को अंततः मार्च 2016 में दोषी ठहराया गया था। जेल में अनुशासित रहने के कारण नवंबर 2017 में रिहा होने से पहले उन्होंने दो साल से भी कम समय बिताया।
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नचान 1991 से ही आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहा है, उस पर अफगान जिहाद के दौरान अन्य मुजाहिद्दीनों के साथ लड़ने और भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान से आतंकवाद का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजने का भी आरोप है।