प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जापान के सहयोग से अहमदाबाद में निर्मित जेन गार्डन और काईजेन एकेडमी का वीडियो लिंक के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि यह भारत और जापान के बीच मधुर रिश्तों का परिचायक है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में भारत और जापान की दोस्ती व पार्टनरशिप वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए ज्यादा प्रासंगिक हो गई है।
जेन गार्डेन को बताया शांति की अभिव्यक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और जापान जितना बाहरी प्रगति और उन्नति के लिए समर्पित रहे हैं, उतना ही आंतरिक शांति और प्रगति को भी महत्व दिया है। जापानी जेन गार्डेन शांति की इसी खोज और सादगी की एक सुंदर अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने सदियों से जिस शांति, सहजता और सरलता को योग और आध्यात्म के जरिए सीखा समझा है, उसी की एक झलक उन्हें यहां दिखेगी।
मोदी ने कहा कि जापान में जो ‘जेन’ है, वही भारत में ‘ध्यान’ है। बुद्ध ने यही ध्यान अर्थात बुद्धत्व संसार को दिया था। जहां तक ‘काईजेन’ की संकल्पना है, यह वर्तमान में हमारे इरादों की मजबूती को निरंतर आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री काल में ही काईजेन को लेकर गुजरात में पहली बार गंभीर प्रयास शुरू हुए थे। आज जापान की एक से बढ़कर एक 135 से अधिक कंपनियां गुजरात में काम कर रही हैं। ऑटोमोबिल से लेकर बैंकिंग तक, कंस्ट्रक्शन से लेकर फार्मा तक, हर सेक्टर की जापानी कंपनी ने गुजरात में अपना बेस बनाया हुआ है।
दोनों देशों के संबंधों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे पास सदियों पुराने सांस्कृतिक सम्बन्धों का मजबूत विश्वास भी है और भविष्य के लिए एक कॉमन विजन भी। इसी आधार पर पिछले कई वर्षों से हम अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को लगातार मजबूत कर रहे हैं। इसके लिए पीएमओ में हमने जापान-प्लस की एक विशेष व्यवस्था भी की है।
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उन्होंने कहा कि जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं। योशिहिदे और मेरा यह विश्वास है कि कोरोना महामारी के इस दौर में भारत और जापान की दोस्ती और हमारी पार्टनरशिप वैश्विक स्थिरता एवं समृद्धि के लिए कहीं अधिक प्रासंगिक हो गई है।