उत्तर प्रदेश में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर सोमवार को नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस दौरान नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने आठ जिलों में स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत विकास कार्यों की समीक्षा की और डोर-टू-डोर कलेक्शन सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण में सभी नगर निकायों को अपनी रैंकिंग के सुधार करने के स्पष्ट निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देश:
नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिए कि शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए कूड़े का सही निस्तारण जरूरी है। उन्होंने मलिन बस्तियों, गैर आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत परिसर और घरों से रोजाना कूड़े का डोर-टू-डोर कलेक्शन करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने कचरा उठाने की प्रक्रिया के लिए कवर्ड वाहनों को प्रयोग में लाए जाने के निर्देश दिए।
निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि बैठक में घरों से निकलने वाला सूखे कचरे का पृथक्करण, कार्यालयों और सार्वजनिक जगहों पर हर 50 से 100 मीटर पर कचरे के डिब्बे रखने, 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में कचरा ट्रांसफर स्टेशन की स्थापना करने, कचरे के उठान के लिए कचरा वाहनों के वर्गीकरण, कचरा उठाने वाले वाहनों में जीपीएस का उपयोग अनिवार्य करने और पब्लिक और कर्मशियल स्थानों पर दिनभर में दो बार सफाई की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि स्थानीय निकाय रिसाइकिल न किए जा सकने वाले कूड़े के लिए सेनिटरी लैंडफिल स्थापित करें। वायु एवं जल प्रदूषण के स्तर मानकों के अनुरूप लाने तथा लिगेसी वेस्ट के निर्धारित समयावधि में निस्तारण की विषयगत प्रगति भी सुनिश्चित करें।
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बैठक में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने आठ नगर निगमों के नगर आयुक्तों और मेयर के स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े सुझावों और समस्याओं को सुना और उनके शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुई बैठक में नगर विकास (उत्तर प्रदेश) सचिव अनुराग यादव, स्थानीय निकाय निदेशालय की निदेशक डॉ काजल मौजूद रहीं। इनके अलावा गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़ और सहारनपुर के नगर आयुक्त और मेयर मौजूद रहे।