बीते दिनों पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले की तपिश से ममता सरकार के तीन आईपीएस झुलसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, इस मामले को हथियार बनाकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल एक तीन आईपीएस अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बिलकुल भी रास नहीं आया है और उन्होंने अपना विरोध जाहिर किया है।
आईपीएस अफसर पर चला केंद्र का हथौड़ा
दरअसल। केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने ममता सरकार से तीन आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति के लिए तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने के लिए कहा है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा है कि आईपीएस काडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा।
उन्होंने कहा कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही जिम्मेदारियां दे दी गई हैं, जिनमें भोलानाथ पांडे को बीपीआरडी का एसपी बनाया गया है, प्रवीण त्रिपाठी को एसएसबी के डीआईजी के तौर पर नियुक्ति दी गई है जबकि राजीव मिश्रा को आईटीबीपी का आईजी नियुक्त किया गया है।
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केंद्र सरकार के इस फैसले पर ममता बनर्जी ने कहा कि हम केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को छद्म रूप से नियंत्रित करने के इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कदम, विशेष रूप से चुनावों से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है!