श्रीनगर: कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka HC) ने आज (मंगलवार को) हिजाब मामले (Hijab Row) पर फैसला सुना दिया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि इस्लाम (Islam) में हिजाब (Hijab) पहनना जरूरी नहीं है, ये धर्म का हिस्सा नहीं है. कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने सवाल उठाए हैं. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हिजाब सिर्फ धर्म के बारे में नहीं है बल्कि ये चुनने की स्वतंत्रता से जुड़ा मुद्दा है.

महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘हिजाब बैन को बरकरार रखने का कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है. एक तरफ हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं फिर भी हम उन्हें एक साधारण विकल्प के अधिकार से वंचित कर रहे हैं. ये सिर्फ धर्म के बारे में नहीं है बल्कि चुनने की स्वतंत्रता है.’
उमर अब्दुल्ला ने जताई निराशा
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हिजाब मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई है. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से बेहद निराश हूं. चाहे आप हिजाब के बारे में कुछ भी सोचते हों, ये पहनने का कोई कपड़ा नहीं है बल्कि ये एक महिला के अधिकार के बारे में है कि वो कैसे कपड़े पहनना चाहती है? कोर्ट ने इस मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा, ये हास्यास्पद है.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने सभी याचिका को किया खारिज
बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब मामले में दायर सभी याचिका को खारिज कर दिया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है.
जान लें कि कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की बेंच ने हिजाब मामले पर फैसला सुनाया. कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर करके मुस्लिम छात्राओं ने मांग की थी कि उन्हें कॉलेज में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति भी दी जाए क्योंकि ये उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है.
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