उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से राजनीतिक दलों के बीच में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इसी आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक बार फिर दलित वोटबैंक को रिझाने की कोशिश की है। इस कोशिश के लिए उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। आरोपों का ठीकरा फोड़ते हुए मायावती ने हाथरस कांड को हथियार बनाया है।

हाथरस घटना को लेकर योगी सरकार पर भड़की माया
दरअसल, हाथरस कांड का मुद्दा उठाते हुए मायावती ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी की तरह बीजेपी सरकार में भी दलितों, शोषितों व महिलाओं आदि के जान-माल व आत्म-सम्मान कतई भी सुरक्षित नहीं हैं।
मायावती ने कहा कि यूपी के हाथरस में दलित उत्पीड़न व पिता की हत्या और गुजरात में दलित आरटीआई कार्यकर्ता की निर्मम हत्या यह साबित करती है कि कांग्रेस पार्टी की तरह बीजेपी सरकार में भी दलितों, शोषितों व महिलाओं आदि की जान-माल व आत्म-सम्मान कतई भी सुरक्षित नहीं है। सरकार इस ओर तुरन्त ध्यान दे।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार में वैसे तो हर वक्त अपराध चरम पर होने से अपराध नियंत्रण का काफी बुरा हाल है। किन्तु खासकर दलित व महिला उत्पीड़न व असुरक्षा की आए दिन होने वाली दर्दनाक घटनाआं से हर ओर चिंता की लहर है। ऐसे संगीन मामलों में सरकार की लापरवाही दु:खद है।
गौरतलब है कि बीते सोमवार को हाथरस के सासनी क्षेत्र के गांव नौजरपुर में बेटी से छेड़छाड़ करने वाले के खिलाफ शिकायत करने की वजह से आरोपियों ने पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि आरोपी पीड़ित परिवार पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा था। इस मामले में मृतक की बेटी ने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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हाथरस कांड को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान में लिया था। उन्होंने इस घटना के आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश सुनाया था। साथ ही उन्होंने आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
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