लखनऊ। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रहे मनोज तिवारी ने उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से शिष्टाचार मुलाकात की। कुछ मिनटों की भेंट को राजनीतिक गलियारे में पूर्वांचल की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से मनोज तिवारी के मुलाक़ात के निकाल रहे सियासी मायने
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के लखनऊ स्थित आवास पर मनोज तिवारी के मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। लखनऊ में मनोज तिवारी की सक्रियता को पूर्वांचल में बड़ी जिम्मेदारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। पूर्वांचल के भोजपुरी क्षेत्र में मनोज तिवारी लोकप्रिय चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। वाराणसी और आसपास के क्षेत्र में तो उन्होंने विशेष पहचान बना रखी है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्वांचल क्षेत्र में मनोज तिवारी के चेहरे का उपयोग कर सकती है। मनोज तिवारी के टीम के सदस्यों को आजकल मिर्जापुर, बलिया, वाराणसी और गोरखपुर में सक्रिय देखा जा रहा है।
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भोजपुरी सिनेमा में नाम कमाने वाले मनोज तिवारी ने राजनीतिक सफर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की लेकिन वर्ष 2014 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। मनोज तिवारी सांसद का चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। फरवरी 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार से उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।
इस साल मई में पश्चिम बंगाल में चुनाव में भी मनोज तिवारी ने पार्टी के लिए प्रचार किया था। बंगाल चुनाव के बाद उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सक्रियता बढ़ायी है।