आबकारी नीति घोटाले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई (CBI) का शिकंजा कस गया है। इस मामले में दो कंपनियों समेत 15 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद CBI ने शुक्रवार को दिल्ली में सिसोदिया के सरकारी आवास को मिलाकर सात राज्यों में कुल 31 स्थानों पर छापे मारे और सघन तलाशी ली। छापे में घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है। करीब 14 घंटे चली जांच के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा है कि वे सीबीआई से नहीं डरते हैं क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। वहीं सिसोदिया ने दिल्ली में अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह शराब नीति और उसमें किसी तरह की गड़बड़ी का मामला नहीं है। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल से डर गई है। इस बात से डर गई है कि केजरीवाल को देशभर से समर्थन मिल रहा है। उनकी नीतियों की तारीफ न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबार कर रहा है। बकौल मनीष सिसोदिया, देश अब मोदी जी से परेशान हो गया है। लोग कह रहे हैं कि हम राज्य में सरकार चुनते हैं, और मोदी जी हर समय इन सरकारों को गिराने में लगे रहे हैं। इसलिए जनता अब समझ गई है कि अब मोदीजी का विकल्प मिल गया है। 2024 का चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम अरविंद केजरीवाल होने जा रहा है।
बता दें, दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई आबकारी नीति में अनियमितता को उजागर किया था। इसके बाद उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय से इस पूरे मामले की CBI से जांच कराने की सिफारिश की थी। एजेंसी ने मनीष सिसौदिया, आबकारी विभाग के चार अधिकारियों और दो कंपनियों समेत कुल 15 आरोपितों के खिलाफ बुधवार को FIR दर्ज किया था। इनमें दिल्ली में शराब बेचने का लाइसेंस हासिल करने वाले 10 लोग भी शामिल हैं।
FIR में घोटाले के पूरे खेल का ब्योरा, बही-खाते में फर्जी इंट्री
CBI ने भले की उपराज्यपाल की चिट्ठी को FIR का आधार बनाया हो, लेकिन इसे दर्ज करने के पहले घोटाले के पूरे खेल बारे में ठोस जानकारी जुटाई। FIR के अनुसार दिल्ली की आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में हुई अनियमितताओं में मुंबई स्थित इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, लखनऊ के गोमती नगर स्थित परनोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, दिल्ली के कालिदी कुंज स्थित ब्रींडको सेल्स के निदेशक अमनदीप ढल और जोरबाग स्थित इंडोस्पिरीट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
FIR में यह भी कहा गया है कि एल-वन लाइसेंस लेने वाली कई कंपनियों ने रिटेल वेंडर्स को क्रेडिट नोट जारी किया। इससे हुई आमदनी को ऊपर तक पहुंचाया गया। बही-खाते को सही दिखाने के लिए उसमें फर्जी इंट्री कर दी गई।
अवैध कमाई को जमा करते थे पांच लोग
CBI के अनुसार पांच लोग अनियमितताओं से होने वाली अवैध कमाई को एकत्र कर रहे थे। इनमें गुरुग्राम के बड्डी रिटेल के निदेशक अमित अरोड़ा, गुजरावाला टाउन के दिनेश अरोड़ा, बेंगलुरु का रहने वाला अरुण रामचंद्र पिल्लई, कालकाजी का रहने वाला सन्नी मारवाह और मनीष सिसोदिया का करीबी अर्जुन पांडेय शामिल है। सन्नी मारवाह ओखला स्थित महादेव लिकर्स में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता है। वह पोंटी चड्डा की परिवार से जुड़ी कई कंपनियों में भी अहम भूमिका में है।
FIR में करोड़ों की लेन-देन का ब्योरा
CBI ने अपनी FIR में करोड़ों रुपये की लेन-देन का भी ब्योरा भी दिया है। उसके अनुसार समीर महेंद्रू ने राधा इंडस्ट्री के राजेंद्र पैलेस स्थित यूको बैंक के खाता संख्या 10220210004647 में एक करोड़ रुपये जमा किया था। राधा इंडस्ट्री का प्रबंधन दिनेश अरोड़ा देखता है। इसी तरह अरुण रामचंद्र पिल्लई भी समीर महेंद्रू से अवैध कमाई इकट्ठा कर विजय नायर के मार्फत आगे पहुंचाता था। CBI के अनुसार एक बार अर्जुन पांडेय ने तीन-चार करोड़ रुपये नकद समीर महेंद्रू से लिया था। वहीं सन्नी मारवाह कई लाइसेंस धारकों से फंड इकट्ठा कर लगातार आगे पहुंचाने का काम करता था।
ये हैं 15 आरोपित
मनीष सिसोदिया- उप मुख्यमंत्री, दिल्ली
अर्व गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त, दिल्ली
आनंद तिवारी, तत्कालीन आबकारी उपायुक्त, दिल्ली
पंकज भटनागर, सहायक आबकारी आयुक्त, दिल्ली
विजय नायर, पूर्व सीईओ, ओनली मच लाउडर, मुंबई
मनोज राय, पूर्व कर्मचारी, परनोड रिकार्ड, लखनऊ
अमनदीप ढल, निदेशक, ब्रींडको सेल्स, दिल्ली
समीर महेंद्रू, एमडी, इंटोस्पिरीट, दिल्ली
अमित अरोड़ा, निदेशक, बड्डी रिटेल, गुरुग्राम, हरियाणा
सन्नी मारवाह, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, महादेव लिकर्स, दिल्ली
दिनेश अरोड़ा, दिल्ली
अरुण रामचंद्र पिल्लई, बेंगलुरु
अर्जुन पांडेय, सिसोदिया के करीबी
बड्डी रिटेल प्रा. लि.
महादेव लिकर्स