हाल ही में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में फर्जीवाड़े के आरोप लगे थे। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा आरोप लगाया गया था कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा मंदिर के लिए दो करोड़ रुपए की कीमत की जमीनों को साढ़े 18 करोड रुपए में खरीदा गया है।
जमीन की खरीद में बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। अब एक बार फिर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्यों समेत भाजपा विधायक, स्थानीय महापौर के भतीजे और एक सरकारी अधिकारी पर अयोध्या के एक साधु ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्मदास द्वारा राम मंदिर की जमीन खरीदने में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है। जिसमें कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठा किया गया पैसा गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय को बर्खास्त कर मंदिर को चलाने की जिम्मेदारी अयोध्या के संतो को सौंपी जानी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार को मंदिर चलाने का नहीं बल्कि देश को चलाने का काम करना चाहिए। पुलिस ने बताया है कि महंत धर्मदास ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों के साथ-साथ गोसाईगंज से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय और फैजाबाद के उप रजिस्ट्रार एसबी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
शिकायत में उन्होंने कहा है कि फरवरी में दीप नारायण उपाध्याय ने महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य से 676 स्क्वायर मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी थी। जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेचा। इस मामले में महंत धर्मदास ने गोसाईगंज से भाजपा विधायक को श्री राम मंदिर ट्रस्ट के साथ हुई डील का गवाह बताया है।