मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीलीभीत के मुस्तफाबाद से गांगेय डॉल्फिन को प्रदेश के जलीय जीव का दर्जा देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि तालाबों और नदियों को शुद्ध रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। जानकारी के मुताबिक, गांगेय डाल्फिन प्रदेश में गंगा, यमुना, चम्बल घाघरा, राप्ती, गेरूआ आदि नदियों में पायी गयी है। एक अंदाजे के मुताबिक, राज्य में गांगेय डाल्फिन की संख्या तकरीबन 2000 है।
सीएम योगी आदित्यानाथ ने कहा कि वन्य जीवों को लेकर किस प्रकार का व्यवहार किया जाना चाहिए, इसका प्रशिक्षण यहां के लोगों को दिया जाना चाहिए। टाइगर रिजर्व से जुड़े आरक्षित इलाके या क्षेत्र के हर गांव के लोगों को ट्रेनिंग देकर उन्हें गाइड के रूप में मान्यता देनी चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। पूरे गांव में जागरूकता भी पैदा होगी।
उन्होंने कहा कि हमें यह भी देखना होगा जो पर्यटक या स्थानीय लोग आते हैं। वह प्लास्टिक का उपयोग करके कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे जल और प्रकृति प्रदूषित हो।मुख्यमंत्री जंगल सफारी वाहन में सवार होकर चूका बीच पहुंचे। पीलीभीत में जंगल और शारदा डैम के किनारे स्थित चूका बीच का नजारा सैलानियों के लिए गोवा जैसा एहसास कराता है।
मुख्यमंत्री ने चूका बीच पर सैलानियों को मिलने वाली तमाम सुख सुविधाओं की जानकारी ली। लगभग 20 मिनट तक चूका बीच की प्राकृतिक खूबसूरती को अच्छे से निहारा। मुख्यमंत्री यहां बनाई गई वाटर हट पर भी पहुंचे। जंगल सफारी के दौरान मुख्यमंत्री योगी के साथ वन राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार व जिले के विधायक साथ में मौजूद रहे।