उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लेवाना होटल अग्निकांड में कई अफसरों की गर्दन फंसती दिखाई दे रही है। सूत्रों की माने तो लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने 22 इंजीनियरों को दोषी ठहराते हुए जो रिपोर्ट शासन को भेजी थी वो लौटा दी गई है। शासन ने इस रिपोर्ट पर काफी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि क्या सिर्फ इंजीनियर ही दोषी हैं। इसमें अफसरों की कोई भूमिका नहीं है। शासन की इस टिप्पणी के बाद अधिकारियों के अंदर खलबली मची है। अब एलडीए को दोबारा रिपोर्ट बनाकर शासन भेजनी पड़ेगी जिससे उम्मीद जगी है कि इस हादसे के दोषी अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
LDA ने लखनऊ में 140 होटलों को चिन्हित किया
शासन के इस रुख से एलडीए के अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। दूसरी ओर एलडीए ने 140 होटलों को चिन्हित किया है जिनको अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया गया है लेकिन कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं हुई है। एलडीए ने 2018 से अब तक शहर के 140 होटलों को अवैध निर्माण करने या कोई अन्य गड़बड़ी करने के लिए नोटिस जारी किया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 2018 से अब तक शहर के 140 होटलों को अवैध निर्माण करने या कोई अन्य गड़बड़ी करने के लिए नोटिस जारी किया है।
एलडीए की टीम ने चलाया अभियान
प्राधिकरण ने मंगलवार को कई टीमों का गठन किया जो इन होटलों का निरीक्षण करेगी ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि जिन शिकायतों या विसंगतियों के लिए नोटिस जारी किए गए थे, उन्हें संबोधित किया गया है।अगर एलडीए की टीमों को पता चलता है कि समस्या अभी भी मौजूद है तो ऐसे होटलों को सील कर दिया जाएगा। होटलों को नोटिस जारी करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।
एलडीए के इंजीनियरों को सौंपा गया निरीक्षण का काम
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोन के इंजीनियरों को 140 होटलों का निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। एलडीए की यह कार्रवाई होटल लेवाना सूट में आग लगने के बाद हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। एलडीए की तरफ से मंगलवार को पूरे शहर में एक अभियान भी चलाया गया और लखनऊ में कोचिंग संस्थानों की भी जांच की गई।
नोटिस के बाद भी एक भी होटल के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई
एलडीए के अनुसार, नोटिस दिए जाने के बाद या तो कोई अनुवर्ती कार्रवाई नहीं की गई या मामले को विकास प्राधिकरण के संबंधित इंजीनियरों की मिलीभगत से टाल दिया गया। एलडीए ने मंगलवार को शासन को एक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें 22 इंजीनियरों ओर जोनल अफसरों को इसके लिए दोषी ठहराया गया था लेकिन शासन ने इसे वापस लौटा दिया है। शासन से जुड़े सूत्रों की माने तो सीएम के रुख से अफसरों के होश उड़े हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तय है।
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लेवाना होटल अग्निकांड को लेकर गंभीर हैं सीएम योगी
सूत्रों की माने तो लेवाना अग्निकांड की आंच कई अफसरों तक पहुंच रही है। इसलिए अब प्राधिकरण से लकर शासन तक इस रिपोर्ट पर लीपापोती का खेल शुरू हो गया है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि इस तरह की घटनाओं में अफसर और इंजीनियर बच जाते हैं क्योंकि उनकी पहुंच शासन में उपर तक होती है और नीचे के कर्मचारियों को नाप दिया जाता है। लेकिन इस बार सीएम विशेषतोर से इस मामले में रुचि ले रहे हैं इसलिए अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं।