नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन और विरोध प्रदर्शन एक महीने से जारी है, किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं तो वहीं सरकार लगातार इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रही है, तो वहीं इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी हो रही है। इसी क्रम में आज शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से सिंधु बॉर्डर जाएंगे और वो सिंधु बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में शहीदी दिवस के उपलक्ष में कीर्तन पाठ में हिस्सा लेंगे।
बता दें कि इससे पहले भी सीएम केजरीवाल सिंधु बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल जा चुके हैं, सीएम केजरीवाल ने तब वहां पर जाकर कहा था कि मैं यहां मुख्यमंत्री के नाते नहीं बल्कि सेवादार के रूप में आया हूं, आपको बता दें कि आप पार्टी ने किसान आंदोलन का समर्थन किया हुआ है। इससे पहले विधानसभा के विशेष सत्र में सीएम केजरीवाल ने कृषि कानून की कॉपी फाड़ दी थी और मोदी सरकार से सवाल किया था कि आखिर कितने किसानों को और मरना होगा, आखिर इतनी जल्दबाजी में कानून बनाने की जरूरत क्या थी, अगर आप किसानों की बात नहीं सुनते हैं को कहीं स्थिति अंग्रेजों के काल से बदतर ना हो जाए।
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सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल पर कसा था तंज
इससे पहले जब अरविंद केजरीवाल प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने पहुंचे थे तो उन पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तंज कसा था, उन्होंने कहा था कि कुछ लोग जानबूझकर राजनीति खेल रहे हैं। इस बीच स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने फिर से सरकार के साथ बैठक की बात कही है। योगेंद्र यादव ने शनिवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि हम 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे केंद्र के साथ वार्ता का एक और दौर आयोजित करने का प्रस्ताव रखते हैं। इस बार बातचीत के लिए हमारे एजेंडे में दो बिंदु हैं। जिसमें पहला तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीके पर आधारित है, जबकि दूसरा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए नया कानून लाने पर। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शनपाल ने बताया कि वो 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।