कश्मीर को अलविदा कह चुके कश्मीरी पंडितों ने बीते गुरूवार को वोश्व के कई हिस्सों में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की वजह 22 अक्टूबर का दिन है, जिसे कश्मीरी पंडित काला दिवस के रूप में मनाते हैं। इस मौके पर कश्मीरी पंडितों ने अमेरिका से लेकर ब्रिटेन की राजधानी लंदन तक पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कश्मीरी पंडितों को 73 साल पहले छोड़ना पड़ा था कश्मीर
आपको बता दें कि आज से करीब 73 साल पहले 22 अक्टूबर के दिन ही दहशतगर्दों के डर से कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा था। इसके लिए सभी कश्मीरी पंडित पाकिस्तान को ही दोषी मानते हैं।
इसी के मद्देनजर कश्मीरी पंडितों ने जहां अमेरिका की राजधानी वशिंगटन डीसी में पाकिस्तान दूतावास के सामने जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि कोरोना वायरस के कारण इन प्रदर्शनों में तमाम एहतियात बरते गए और लोगों ने कारों के ऊपर बैनर चिपका कर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वहीं लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भी कोरोना महामारी के चलते इन प्रदर्शनों में ज्यादा लोगों के भाग लेने पर पाबंदी लगायी गयी थी।
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गौरतलब है कि 90 की दशक के शुरूआत में कश्मीर में उथल-पुथल के कारण स्थानीय हिंदू समुदायों, कश्मीरों पंडितों को घाटी से हमेशा के लिए रुकसत लेनी पड़ी। इस दौरान कस्मीर में भड़के दंगों में कई लोगों की जान चली गयी तो ज्यादातर लोग बेघर हो गए। घाटी में घटित इस घटना के लिए दुनिया भर में मौजूद कश्मीरी पंडित पाकिस्तान को जिम्ममेदार मनाते हुए इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं।
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