प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम पक्षकारों ने बाबा विश्वनाथ को बड़ा उपहार दिया है। दरअसल, वाराणसी में हिंदू-मुस्लिम विवाद की जड़ बनते जा रहे ज्ञानव्यापी मस्जिद के मुस्लिम पक्षकारों ने बाबा विश्वनाथ को सौगात देते हुए मस्जिद से सटी 1700 स्क्वायर फिट की जमीन मंदिर प्रशासन को दे दी है। वहीं, मंदिर प्रशासन ने भी इस जमीन के बदले मुस्लिम पक्षकारों को 1000 स्क्वायर फीट की जमीन दूसरी जगह दी है।
ज्ञानव्यापी मस्जिद के ठीक सामने स्थित है ये जमीन
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए मंदिर प्रशासन ने ज्ञानव्यापी मस्जिद के पक्षकारों से जमीन की मांग की थी। इसी मांग पर मुस्लिम पक्षकारों ने एकमत होकर यह फैसला लिया। मुस्लिम पक्षकारों ने बीते 8 जुलाई को इस जमीन की रजिस्ट्री काशी विश्वनाथ प्रशासन के नाम की। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्षकारों के लिए यह फैसला लेना आसान नहीं था क्योंकि जो जमीन उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए दी है, वह ज्ञानव्यापी मस्जिद के ठीक सामने स्थित है।
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, इस बारे में अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद के ज्वाइंट सेक्रेट्री एस एम यासीन ने बताया है कि पहले इस प्लॉट को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यहां पर कंट्रोल रूम बनाने के लिए दिया था ।लेकिन अब जब कॉरिडोर का निर्माण शुरू होना था, ऐसे में उस जमीन की जरूरत मंदिर पक्ष को पड़ी क्योंकि रास्ता भी बहुत संकरा था जिसको लेकर वाराणसी प्रशासन ने मुझसे कई बार बात की। जिसके बाद मैंने अपने लोगों से इस मुद्दे पर बात की। बातचीत में भी करीब 2 साल का वक्त लगा। सब जगह से परमिशन लेने के बाद ये फैसला लिया गया।
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एसएम यासीन का कहना है कि उनके इस फैसले के बाद समाज में हिंदू-मुस्लिम की खाई पट सकेगी और एक अच्छा संकेत जाएगा। उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वे मस्जिद की जमीन किसी को नहीं देने जा रहे हैं। वे कहते हैं कि कुछ लोग जरूर कोर्ट में इसको लेकर लड़ रहे हैं, लेकिन वो जमीन ना हम देंगे और ना ही कोई हमसे ले सकेगा। जो जमीन दी गई है, वो मस्जिद के पास वाली है। दूसरे पक्ष को जरूरत पड़ी, इसलिए हमने दी है। अब देखना यह है कि दूसरा पक्ष कितना पहल करता है।