कानपुर में पहले पान मसाला कारोबारी फिर इत्र कारोबारी के ठिकानों पर चल रही छापेमारी में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी हुई है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के इतिहास में इतनी बड़ी रिकवरी नहीं हुई।
डीजीसीआई की तरफ से दी गई अधिकाधिक जानकारी के अनुसार, इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है। नोटों की गिनती पूरी होने के बाद इन्हें बक्सों में भरा गया और फिर लोडर में लादकर ले जाया गया। इस दौरान सुरक्षा के भारी बंदोबस्त दिखे।
इत्र कारोबारी के घर पड़े छापे को लेकर न केवल कानपुर बल्कि पूरे देश की नजरें लगी रहीं। जिस तरह से कारोबारी के घर के अंदर रखे कैश की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुईं, उसके बाद तो हर कोई इसकी चर्चा करते हुए देखा गया। छापे के बाद डीजीसीआइ की तरफ से दी गई।
अधिकाधिक जानकारी में बताया गया कि पूरी कार्रवाई में 150 करोड़ से ज्यादा की नकदी मिली है। इत्र कारोबारी के घर में इतना कैश था कि नोट गिनने की मशीनें तक हांफने लगींं। चर्चा है कि नोट गिनने के लिए करीब 13 मशीनों को मंगाया गया। स्टेट बैंक के अधिकारियों को नोट गिनने में लगाया गया। रात से लेकर दोपहर तक नोटों की गिनती चलती रही. बरामद कैश को रखने के लिए 80 बक्से मंगाए गए। इन बक्सों को सुरक्षा के भारी बंदोबस्त के बीच लोडर पर लादकर ले जाया गया। बताया जा रहा है कि इस रकम को रिजर्व बैंक पहुंचाया गया है।
इत्र कारोबारी के बेटे को लेकर कन्नौज पहुंची टीम
छापे के दौरान ही पीयूष जैन के बेटे को टीम अपने साथ ले गई बताया जा रहा है कि पीयूष जैन का पैतृक मकान कन्नौज के सदर कोतवाली क्षेत्र के छिपट्टी मोहल्ले में है। महानिदेशक जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) की टीम पीयूष के बेटे प्रत्यूष को उनके कन्नौज के मकान में लेकर पहुंची। जांच अधिकारियों ने प्रत्यूष से पूछताछ के बाद कन्रौज के उनके मकान को भी सील कर दिया है।
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फर्जी तरीके से बिना बिल और टैक्स चुकाए कारोबार करने की बात आई सामने
बताया गया कि ‘त्रिमूर्ति फ्रैगरेंस’ में बिना बिल और कर चुकाए बगैर कारोबार किया जा रहा है। इस आधार पर छापे की इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। गौरतलब हो कि कुछ दिनों पूर्व पान मसाला कंपनी के चार ट्रक गुजरात में पकड़े गए थे जिसमें फर्जी इनवाइस थी, और ई वे बिल नहीं थे। इसका उल्लेख डीजीसीआइ की जानकारी में भी किया गया है। इसी के आधार पर पहले ट्रांसपोर्टर और सुपारी कारोबारी के यहां छापा मारा गया और इसके बाद कार्रवाई की जद में इत्र कारोबारी आए। डीजीसीआइ ने जो जानकारी दी है, उसमें बताया गया है कि छापे के दौरान ट्रांसपोर्टर के यहां 200 से अधिक फर्जी इनवाइस की जानकारी मिली। जिन्हें पूर्व में बिना जीएसटी चुकाए माल भेजा जा रहा था। पूछताछ में ट्रांसपोर्टर ने भी इस बात को स्वीकार किया। ट्रांसपोर्टर के कब्जे से मिले 1.1 करोड़ की नकदी को सीज कर दिया गया।