अशांति फैलाने और विरोध भड़काने की कोशिश करने वाले एक आरोपी पत्रकार को शनिवार को फांसी पर लटका दिया गया है। इस पत्रकार पर आरोप था कि उसने वर्ष 2017-18 के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान अशांति फैलाने और विरोध भड़काने की कोशिश की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी। यह मामला ईरान का है।
पत्रकार को इसलिए दी गई फांसी
एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, सरकार विरोधी न्यूज वेबसाइट चलाने वाले पत्रकार रूहुल्ला जम को शनिवार सुबह फांसी दी गई। ईरानी सरकार ने न्यूज पोर्टल पर 2017-18 की अशांति फैलाने का आरोप लगाया, क्योंकि इसने विरोध प्रदर्शन के वीडियो साझा किए थे और ऑफिशियल जानकारी को नुकसान पहुंचाया था।
न्यूज रिपोर्ट में कहा गया कि फ्रांस में निर्वासन में रह रहे पत्रकार को कथित तौर पर पिछले साल इराक जाते समय हिरासत में लिया गया था। हालांकि, उसकी गिरफ्तारी का विवरण स्पष्ट नहीं है। लेकिन उनकी वेबसाइट पर एक समाचार रिपोर्ट में पत्रकार की पत्नी के हवाले से कहा गया है कि जम को सितंबर 2019 में प्रलोभन देकर इराक ले जाया गया था और इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कोर (आईआरजीसी) द्वारा अपहरण कर ईरान पहुंचा दिया गया था और फिर उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।
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पत्नी के हवाले से सामने आई रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता ने चार दिन पहले घोषणा की थी कि सुप्रीम कोर्ट ने जम की सजा को मंजूरी दे दी है। जम के ऊपर मुकदमा चलाया जाना फरवरी 2020 में शुरू हुआ और मई में समाप्त हुआ। जम को बचाव पक्ष का वकील चुनने की अनुमति नहीं दी गई थी।