मुस्लिम समाज के नौजवानों में बढ़ रहे नशे की लत को रोकने के लिए जमीअत उलमा ने बीड़ा उठाया है। इसके तहत 17 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक नशा विरोधी सप्ताह मनाने जा रहा है। इसकी शुरूआत शुक्रवार को बाद नमाज जुमा अशरफाबाद जाजमऊ से होगी। जिसमें जगह-जगह नशा विरोधी रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जायेगा। नशे से होने वाले नुकसानों से लोगों को वाकिफ कराया जायेगा। यह बातें गुरूवार को प्रेस वार्ता के दौरान जमीअत उलमा कानपुर की कार्यकारिणी सदस्य मौलाना फरीदुद्दीन कासमी ने कही।

उन्होनें बताया कि इस वक्त मुस्लिम समाज विशेषकर नौजवानों में नशे की आदत बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, ना जाने कितने घर नशे की वजह से उजड़ गये और कितने घराने तबाही के मुहाने पर खड़े हैं, जिसे रोकना बेहद जरुरी है। इसी के चलते जमीअत उलमा पिछले कई वर्षों से पूरे शहर में ‘‘नशा विरोधी मुहिम’’ चलाती रही है। इसके सकारात्मक परिणाम भी जाहिर हुए। ऐसी सूरतेहाल में इस बात की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है कि एक बार फिर नौजवानों को नशे की वजह से धार्मिक, सामाजिक नुकसानों से वाकिफ कराया जाये। इसलिये 17 से 23 दिसम्बर तक जमीअत उलमा शहर कानपुर के अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां के सरपरस्ती और नगर महासचिव व प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी की निगरानी में ‘‘नशा विरोधी सप्ताह’’ मनाया जायेगा। इसके तहत अशरफाबाद जाजमऊ, फूलबाग, मीरपुर, रेलबाज़ार, बकरमण्डी, जूही परमपुरवा, मक़बरा ग्वालटोली, कर्नेलगंज, चमनगंज, दादामियां चौराहा समेत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम और रैलियां आयोजित की जायेंगी।
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शहरी यूनिट की तरफ से फूलबाग में एक केन्द्रीय रैली निकाली जायेगी और 23 दिसम्बर को अजीतगंज में इस विषय पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें शहर के आला अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी।
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