भारत के भरोसेमंद दोस्त रूस की नजदीकी अब पाकिस्तान से बढती जा रही है। अभी इसी वर्ष जहां पाकिस्तान-रूस ने साथ मिलकर सैन्य अभ्यास किया था, वहीं अब पाकिस्तान रूस की ही मदद से 1100 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का निर्माण करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि पाइप लाइन के इस निर्माण के बाद पाकिस्तान लिक्विफाइड गैस के और ज्यादा टर्मिनल ऑपरेट कर सकेगा। पाकिस्तान में रूस द्वारा किया जा रहा यह निवेश भारत के लिए चिंता का विषय है।
गैस पाइपलाइन में रूस कर रहा बड़ा निवेश
दरअसल, पाकिस्तान और रूस के बीच 1100 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन के निर्माण को लेकर समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत रूस की कंपनी पाकिस्तान में कराची के कासिम बंदरगाह से पंजाब प्रांत के कसूर तक लंबी 1122 किमी पाइपलाइन के लिए लिक्विड प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी।
पाकिस्तान की सत्तारूढ़ इमरान सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इस परियोजना से पाकिस्तान और रूस के बीच आर्थिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत होगी। पाकिस्तान में रूस का ये निवेश दोनों देशों के बीच बढ़ती करीबी का एक और संकेत है।
बताया जा रहा है, इस गैस पाइपलाइन परियोजना में पाकिस्तान 51 से 74 फीसदी तक निवेश करेगा, जबकि बाकी निवेश की जिम्मेदारी रूस के कन्धों पर होगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पेट्रोलियम मामलों के सलाहकार नदीम बाबर ने एक इंटरव्यू में इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान की गैस वितरण कंपनी सुइ साउदर्न गैस कॉर्पोरेशन और सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड ने पाइपलाइन के लिए भूमि अधिग्रहण करना शुरू कर दिया है। रूस की कंपनी मुख्यतः पाइपलाइन के निर्माण का कार्य करेगी।
पाकिस्तान ने पांच साल पहले प्राकृतिक गैस का पहला कार्गो मंगाया था। अब पाकिस्तान के पास दो एलएनजी टर्मिनल हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार बाबर ने ब्लूमबर्ग से बताया कि पाकिस्तान के दोनों टर्मिनलों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल हो रहा है जिससे सर्दियों में गैस की मांग को पूरा किया जा सके। दिसंबर महीने के लिए एलएनजी के 12 कार्गो और जनवरी महीने के लिए 11 कार्गो सुरक्षित रखे गए हैं। बाबर ने बताया कि अगले कुछ सालो में एनर्गास और ताबीर एनर्जी के दो और एलएनजी टर्मिनल खुल जाएंगे।
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बाबर ने कहा की पाकिस्तान ने प्रतिदिन 700 मिलियन क्यूबिक फीट एलएनजी गैस उत्पादन के लिए कई समझौते किए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान बिजली उत्पादकों और उपभोक्ताओं की मांग को देखने के बाद तय करेंगे कि पाकिस्तान को अगले पांच साल के लिए एलएनजी के लिए एक और कॉन्ट्रैक्ट की जरूरत है या नहीं। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने फैसला किया है कि जनवरी 2021 से वो अब साफ ईंधन यूरो-5 डीजल का ही आयात करेगा। इसी साल, पाकिस्तान ने गैसोलिन को लेकर भी ऐसा ही फैसला किया था। पाकिस्तान इसी महीने से गैस उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 150 मिलियन क्यूबिक फीट तक बढ़ाने की भी योजना बना रहा है।