लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Polls 2022) के सात चरणों के प्रचार अभियान में चुनावी सभाओं की संख्या पर नजर डालें तो सभी शीर्ष नेताओं में से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने सबसे अधिक पसीना बहाया है. उन्होंने प्रदेश में सबसे ज्यादा सभाओं को संबोधित किया. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) चुनावी सभाओं के मामले में प्रियंका के बाद दूसरे नंबर पर रहे.
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए 10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरणों में मतदान हुआ और मतगणना अब दस मार्च को होगी.
विभिन्न दलों से एकत्रित जानकारी के अनुसार, प्रियंका गांधी ने उप्र के सत्ता संग्राम में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए 209 रैलियां और रोड शो किए. अभियान के स्कोर बोर्ड के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता में वापस लाने के लिए राज्य भर का दौरा कर 203 रैलियां और रोड शो किए.
उप्र में सरकार बनाने की दौड़ में प्रमुख दावेदार राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए 131 रैलियां और रोड शो किये.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी के मूल मंत्र ‘आएंगे तो योगी ही’ (योगी वापस आएंगे) पर जोर देने के लिए बड़ी संख्या में रैलियों को संबोधित किया और रोड शो भी किये. अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद मोदी ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में सात चरणों के मतदान के दौरान 28 रैलियों और रोड शो को संबोधित किया.
पीएम मोदी अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में एक रात ठहरे और पांच मार्च को सातवें और अंतिम चरण के लिए अभियान समाप्त होने से पहले वाराणसी के खजूरी गांव में एक रैली के साथ अपना अभियान समाप्त किया.
यूपी में 2017 में भाजपा की प्रचंड बहुमत की जीत के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह ने राज्य भर में भाजपा और एनडीए के सहयोगियों के पक्ष में 54 रैलियों और रोड शो में भाग लिया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जो लखनऊ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य भी हैं, ने महीने भर के चुनाव प्रचार के दौरान 43 रैलियों और रोड शो को संबोधित किया.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उप्र में 41 चुनावी रैलियां और रोड शो किए. बसपा प्रमुख और उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, जिनकी चुनावों से पहले जमीन पर अनुपस्थिति ने उनकी पार्टी के सत्ता की दौड़ से बाहर होने की अटकलों को जन्म दिया, ने अपनी पार्टी की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए राज्य में 18 रैलियों और रोड शो को संबोधित किया.
लेकिन एग्जिट पोल के दावे प्रियंका गांधी वाद्रा के प्रयासों से मेल नहीं खाते हैं हालांकि प्रियंका गांधी ने अपनी पार्टी की खोई हुई जमीन हासिल करने के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में एक आभासी रैली को छोड़कर, राज्य में कहीं भी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए कोई सभा नहीं की. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अतिथि के रूप में दो रैलियों को संबोधित किया जिसमें एक अमेठी और दूसरी वाराणसी में थी.
भाजपा ने ‘ यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी’ नारे पर जोर देते हुए बड़ी संख्या में केंद्रीय और राज्य के नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा.
प्रारंभ में, प्रधानमंत्री, अमित शाह और नड्डा ने पांच चुनावी राज्यों-उप्र, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर को समय दिया। लेकिन इन राज्यों में मतदान समाप्त होने के बाद वे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में भाजपा और उसके सहयोगी दलों अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के लिए चुनाव प्रचार में लग गए.
राज्य के नेताओं में योगी के अलावा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उनके एक अन्य उपमुख्यमंत्री सहयोगी दिनेश शर्मा ने लोगों को राज्य के विकास और कानून-व्यवस्था की दुहाई देकर भाजपा सरकार को बनाये रखने की जरूरत को रेखांकित किया.
अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के लिए अखिलेश यादव ने भाजपा के स्टार प्रचारकों के बयानों के खिलाफ मोर्चा संभाला और जवाबी पलटवार करने के साथ ही अपने ऊपर लगाए आरोपों का भी पुरजोर खंडन किया. साथ ही उन्होंने भाजपा पर किसान, युवा और महिला विरोधी होने का आरोप भी लगाया.
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पड़ने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के शुरुआती दो चरणों में अखिलेश यादव के साथ थे, जहां दावा किया जा रहा है कि किसानों और जाटों का समर्थन उनको मिला है.
जैसे-जैसे चुनाव पूर्वांचल की ओर बढ़ा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अन्य नेताओं ने भी सक्रियता दिखाई. बीमार सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने दो स्थानों पर सपा के लिए सभा को संबोधित किया, जिसमें वह अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी जिले की विधानसभा सीट करहल में अपने बेटे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के समर्थन में गए. उन्होंने जौनपुर के मल्हनी में भी सभा को संबोधित किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सपा के पक्ष में वाराणसी में एक रैली को संबोधित किया.
मतदान खत्म होने के साथ ही अब सभी की निगाहें 10 मार्च को उप्र के साथ-साथ पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के नतीजों पर टिकी हैं.